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18 सितंबर को डोंगरगांव सागफाटा के बीच मिले थे 10 डेटोनेटर
बुरहानपुर। डोंगरगांव सागफाटा के बीच 18 सितंबर को डेटोनेटर मिलने के मामले में आरपीएफ ने एक आरोपी साबिर को गिरफ्तार किया है जो रेलवे का ही कर्मचारी है। भुसावल के डॉग स्कॉट ने उसकी शिनाख्त की थी। उसे सोमवार को जांच एजेंसियों ने खंडवा के सिविल कोर्ट में पेश किया है। आगे की जांच जारी है।
गौरतलब है कि सागफाटा रेलवे स्टेशन के पास आर्मी की स्पेशल ट्रेन गुजरने से पहले ट्रैक पर फटे डेटोनेटर्स के मामले में रेलवे मेट आरोपी साबिर को पकड़ा गया है। उसके खिलाफ रेलवे ने डेटोनेटर चुराने का केस दर्ज किया है। पुलिस ने उसे अपनी अभिरक्षा में लिया है। आरोपी साबिर ने पूछताछ में बताया है कि वह उस दिन ड्यूटी पर नहीं था, बल्कि नशे में था। पुलिस ने आरोपी साबीर (38) पिता शब्बीर पदनाम- मेट, यूनिट नंबर 14, रेल पथ विभाग, सागफाटा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अपराध क्र. 06/2024 धारा 3(अ) रेल संपत्ति (विधि विरुद्ध कब्जा) अधिनियम 1966, संशोधित अधिनियम 2012 एवं धारा 153 रेल अधिनियम 1989 संशोधित अधिनियम 2003 के तहत मामला दर्ज किया है।
वहीं इस मामले में एक दिन पहले ही रेलवे के सीपीआरओ स्वप्निल नीला ने स्पष्ट किया था कि रेलवे नियमित रूप इन डेटोनेटर का इस्तेमाल करता है। यह फटने पर तेज आवाज करते हैं। आगे कोई रूकावट, धुंध या कोहरे के संकेत के लिए इसे इस्तेमाल किया जाता है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में दो अन्य से भी पूछताछ की जा रही है।
सांसद ने डीआरएम से की चर्चा
इसे लेकर खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि डेटोनेटर के मामले में मेरी भुसावल डीआरएम से चर्चा हुई थी। उनका कहना था कि यह पटाखे रेलवे नियमित रूप से काम में लेता है। इसमें किसका हाथ है और क्या कारण रहे यह जांच का विषय है। इसलिए पहले जांच रिपोर्ट आ जाए उसके बाद स्पष्ट होगा कि घटना कैसे हुई।
मामला जांच में इसलिए कुछ कहना जल्दबाजी -विश्वास सारंग
इधर, सोमवार सुबह प्रदेश के खेल एवं युवक कल्याण, सहकारिता मंत्री विश्वासन सारंग अल्प प्रवास के दौरान बुरहानपुर आए। वह यहां से बुलढाणा रवाना हुए। इससे पहले उन्होंने मीडिया से चर्चा की और डेटोनेटर के मामले को लेकर कहा यह जांच का विषय है। अभी इसकी जांच चल रही है इसलिए कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा इससे ज्यादा बचपने वाला बयान और क्या हो सकता है जो कांग्रेस के नेता ने दिया है। बात 370 की हो रही है और वह 370 हटाना जिससे कश्मीर में आतंकवाद की गतिविधियां पूरी तरह रूक गई है। 370 की गलती के कारण कश्मीर में जो आतंकवाद की आग लगी थी उसे खत्म करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने किया है, क्योंकि यह देश की एकता अखंडता के लिए बड़ा विषय था, इसलिए कांग्रेस के नेताओं के पेट में तो दर्द होगा ही होगा।
पूर्व मंत्री के बयान पर जताया आश्चर्य
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने पिछले दिनों बयान दिया था कि मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को धारा 370 नहीं मप्र में हो रही 376 पर ध्यान देना चाहिए। इसके जवाब में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा-यदि सज्जन सिंह वर्मा मप्र की कानून व्यवस्था की बात करना चाहते हैं तो सामने आकर बात कर लें। 15 महीने कमलनाथ जी की सरकार में मुख्यमंत्री निवास के एक किमी दूर ही कम से कम 10 घटनाएं हुई थी जिसमें छोटी छोटी बच्चियों के साथ रैप का मामला आया था। हम किसी सरकार को कटघरे में खड़ा नहीं करना चाहते, पर मुझे लगता है कि कांग्रेस इस तरह के बयान देती है तो उन्हें भी पहले अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कश्मीर पर जो बयान दिया है वह बिल्कुल सही है। धारा 370 हटाकर बड़ा निर्णय मोदी सरकार ने किया था और उसके दूरगामी परिणाम हमें देखने को मिल रहे हैं। भोपाल में जो भी घटनाएं हुई है उस पर तत्काल कार्रवाई की गई। आरोपियों को लेकर हमारी सरकार सख्त है जिसमें 12 साल से छोटी बेटी के साथ ऐसी घटना होती है तो फांसी का प्रावधान किया है। सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं हट रही। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं बुरहानपुर की डेटोनेटर वाली घटना को लेकर उन्होंने कहा मामले की जांच हो रही है। संवेदनशील विषय है। इसलिए पहले कुछ बोलना उचित नहीं होगा। कमलनाथ सीनियर लीडर हैं। यह अपनी राजनीति चमकाने के लिए बयान देते हैं। ऐसे संवेदनशील विषयों पर उन्हें टिप्पणी नहीं करना चाहिए। इस दौरान नेपानगर विधायक मंजू दादू, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज माने, गजेन्द्र पाटिल, ईश्वर चौहान, सहित अन्य पदाधिकारी, कार्यकर्ता मौजूद थे।
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