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नियमों को ताक में रखकर पहले ही होटल के उपर चल रहा है हॉस्पिटल, परिजनों ने बॉडी उठाने से किया इनकार
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पुलिस, प्रशासनिक अफसरों की समझाईश के बाद माने, पोस्टमार्टम के बाद स्थिति होगी स्पष्ट
बुरहानपुर। एक बार फिर इंदौर इच्छापुर हाईवे पर संचालित एक हॉस्पिटल सुर्खियों में है। कभी यह नियमों का पालन नहीं करने, कभी पार्किंग की समस्या तो कभी अन्य किसी समस्या को लेकर विवादों में रहा है। एक प्रसूता की मौत के बाद यहां हंगामा मच गया। परिजन ने हॉस्पिटल के सामने शव रखा और काफी देर तक विरोध प्रदर्शन किया। खास बात यह है कि जिस डॉक्टर का यहां रजिस्ट्रेशन है उससे भी सीजर न कराते हुए दूसरे डॉक्टर से सीजर ऑपरेशन करवाया गया। इसे लेकर भी हॉस्पिटल प्रबंधन पर कईं सवाल खड़े हो गए हैं। यहां डॉ. नानावटी रजिस्टर्ड है, लेकिन उन्हें न बुलाते हुए अस्पताल संचालक विजय सुगंधी ने डॉ. दीपक देवरे को बुलाया।
हाईवे स्थित एक होटल के उपर संचालित गुड हॉस्पिटल में ग्राम फोपनार निवासी एक प्रसूता की सीजर ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि हॉस्पिटल ने लापरवाही बरती। डेढ़ लाख रूपए ले लिए। इसके बाद भी मौत होने पर बॉडी न देते हुए तीन दिन और रखने का कह रहे थे। इसका विरोध किया गया तो बॉडी बिना परिजन की परमिशन बाहर लाकर रख दी। इसे लेकर काफी देर तक हंगामा चला और बाद में खुद परिजन ने भी बॉडी ले जाने से इनकार कर दिया। डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। मौके पर शिकारपुरा थाना पुलिस पहुंची। बाद में सीएसपी गौरव पाटिल और एसडीएम पल्लवी पुराणिक भी आए। परिजन को समझाईश देकर बॉडी जिला अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजी गई। इधर, प्रबंधन ने किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार किया है।
अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग
दरअसल परिजनों का कहना था कि पहले अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाए इसके बाद बॉडी यहां से लेकर जाएंगे। डेढ़ लाख रूपए लेने के बाद भी बॉडी बाहर लाकर पटक दी। पुलिस ने काफी देर तक समझाईश दी फि शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया।
मेरे स्टाफ के साथ मारपीट की गई, आरोप निराधार
गुड हॉस्पिटल संचालक विजय सुगंधी ने कहा- परिजनों के आरोप निराधार है। मैंने डेढ़ लाख रूपए नहीं लिए। कल रात दो बजे पेशेंट आई थी। नौ माह की गर्भवती थी, सिरीयस थी। सीजर किया गया। इससे पहले हमने कहा था कि पेशेंट को जान का खतरा है। ऑपरेशन से पहले और बाद में भी खतरा है। इसके बाद ही ट्रीटमेंट चालू किया था। सुगंधी ने कहा जब आए तब उनके पास पैसा नहीं था। मेरे स्टाफ ने ढाई हजार रूपए ब्लड बुलाने के लिए दिए। पैसा अभी तक भी जमा नहीं कराया। अगर कराया है तो उसकी रसीद बताएं। गुड अस्पताल गरीबों का अस्पताल है। उन्होनें कहा हमें बॉडी क्यों नहीं दे रहे हैं। चिल्ला रहे थे इसलिए हमने बॉडी निकाली। इससे पहले पुलिस को हमने ही सूचित किया। पुलिस ने भी रिकार्डिंग की। हमारे स्टाफ के साथ भी मारपीट की गई इसलिए कर्मचारी हट गए। महिला की मौत आज हुई। मरने के बाद भी ईलाज किए जाने की बात निराधार है। मेरा अस्पताल सीएमएचओ में रजिस्टर्ड है। इमरजेंसी में कोई भी डॉक्टर आकर उपचार कर सकता है।
वर्जन-
यह जांच का विषय, पोस्टमार्टम करवाया गया
– गुड हॉस्पिटल में एक महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत का मामला सामने आने पर पहुंचे थे। यह जांच का विषय है जो भी आरोप लगाया जा रहा है उसकी जांच कराई जाएगी। वरिष्ठ अफसरों के संज्ञान में यह बात लाई गई है। मृतिका की बॉडी को जिला अस्पताल भेजा गया है। डॉक्टरों की टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा। इसके बाद कारणों का पता चलेगा।
– गौरव पाटिल, सीएसपी बुरहानपुर