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रजिस्ट्री के नाम पर अवैध वसूली- सालों से रजिस्ट्री कार्यालय में सर्विस प्रोवाइडरों के माध्यम से चल रहा खेल

  • कांग्रेस ने उठाए सवाल, वरिष्ठ अफसर क्यों कर रहे इतने बड़े गोरखधंधे की अनदेखी

बुरहानपुर। जिले के पंजीयक (रजिस्ट्री) कार्यालय में सालों से रजिस्ट्री के नाम से अवैध वसूली का गोरखधंधा चल रहा है। इसे लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने सवाल उठाए हैं। साथ ही सवाल भी खड़े किए हैं कि आखिर क्या वजह है कि जिले के वरिष्ठ अफसर भी इस गोरखधंधे की अनदेखी कर रहे हैं। खुद सामने न आते हुए सर्विस प्रोवाईडरों के माध्यम से रजिस्ट्री के लिए अतिरिक्त धन वसूलना यहां के अफसर कर्मचारियों की आदत बन गई है।
इसे लेकर पिछले दिनों जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रिंकू टाक ने कलेक्टर को भी शिकायत की थी, लेकिन शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। अब भी रजिस्ट्री कार्यालय में मनमानी का दौर चल रहा है।
निर्धारित राशि से अधिक की होती है वसूली
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रिंकू टाक के अनुसार लगातार ऐसी शिकायतें सामने आ रही है कि जिले के अधिकांश सर्विस प्रोवाईडर रजिस्ट्री करने के लिए शासन द्वारा तय राशि से अधिक की वसूली कर रहे है। पंजीयन कार्यालय में एक साहब का नाम बताकर 2 स 3 फीसदी तक अन्य राशि अवैध रूप से नगद ले रहे हैं जो सरासर गलत है। शासन द्वारा चलाई जा रही संपदा पोर्टल द्वारा गाइड लाइन के माध्यम से संपत्ति का बाजार मूल्य की गणना कर बताया जाता है। इसके बाद क्रेता और विक्रेता द्वारा प्रतिफल की राशि की गणना कर पंजीयन शुल्क और विभिन्न कर, उपकर जोड़कर बताया जाता है। इसके उपर भी पंजीयन विभाग के अधिकारी का नाम बताकर सर्विस प्रोवाईडरों द्वारा दो से तीन फीसदी तक राशि अवैध रूप से नगद ली जाती है जो गंभीर विषय है, क्योंकि अगर रजिस्ट्रियों की संख्या देखी जाए तो यह समझ में आता है कि दो से तीन फीसदी हर माह लाखों रूपए की अवैध काली कमाई हो रही है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कलेक्टर से मांग की कि शिकायत पर तत्काल जांच कराकर दोषी सर्विस प्रोवाईडरों और उनसे मिलीभगत कर जनता को लूटने वाले अधिकारी पर उचित धाराओं में केस दर्ज किया जाना चाहिए।
रजिस्ट्री न अटक जाए इसलिए लोग देते हैं पैसा
नाम ना छापने की शर्त पर कईं लोगों का कहना है कि रजिस्ट्री कार्यालय में मनमानी का खेल चल रहा है। रजिस्ट्री ना अटक जाए इसलिए तय राशि के अलावा अलग से साहब का नाम लेकर की जा रही वसूली में कहीं कहीं डर के कारण लोग पैसा दे देत हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि यह पैसा हर माह लाखों में अवैध तरीके से कमाया जा रहा है। इसे लेकर समय समय पर शिकायतें भी की गई है, लेकिन अवैध वसूली के इस गोरखधंधे में लगे कुछ लोग खुद को साफ सुथरा रखने के लिए सर्विस प्रोवाईडरों को बीच में करते हैं। वह सीधे खुद कोई बात नहीं करते। ऐसे में आमजन को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। लीगल तरीके से भी अगर किसी को रजिस्ट्री करान है तो भी उसे अवैध राशि न देने का डर रहता है, क्योंकि उसे लगता है कि अगर पैसा नहीं दिया तो रजिस्ट्री का काम अटक सकता है। सरकार ने आनलाइन प्रक्रिया इसीलिए शुरू की थी ताकि अवैध गोरखधंधे पर रोक लगे, लेकिन इसके बाद भी कुछ लोगों ने अवैध कमाई के तरीके खोज रखे हैं। पूरे मामले की जांच हो तो कईं तथ्य उजागर हो सकते हैं।
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