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बडे़ पिता ने लिया था कर्ज, गिरवी रखा था मकान, इंदौर, खंडवा से आई टीम ने धमकाया
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पीड़ित ने लालबाग थाने में की लिखित शिकायत
बुरहानपुर। निजी फाइनेंस बैंक संचालकों पर एक परिवार को धमकाने, मारपीट करने का आरोप लगा है। इसकी लिखित शिकायत पीड़ित परिवार ने लालबाग थाने में की है। इसी तरह माइक्रो फाइनेंस के नाम पर नगर में भी महिलाओं को धमकाने का मामले सामने आया था। इस मामले में भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। नगर के जनप्रतिनिधियों ने भी माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को लेकर अपना विरोध कराया था।
वहीं अब एक शिकायत सामने आई है जिसमें शिकायतकर्ता आशीष पिता लक्ष्मणदास दौलतानी निवासी लक्ष्मीनगर ने कहा-एयू स्मॉल फाइनेंस लिमिटेड के खंडवा और इंदौर से आए अधिकारियों ने एक व्यक्ति प्रवीण कुमार और अन्य के साथ घर में घुसकर मारपीट की। शिकायत में कहा गया कि बड़े पिताजी घनश्यामदास पिता चेतनदास दौलतानी का निधन 30 नवंबर 2018 को हो चुका है। उन्होंने अपने जीवनकाल में एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड शाखा खंडवा से लोन लिया था और उस लोन की सुरक्षा के लिए आवेदक के पिता लक्ष्मणदास चेतनदास दौलतानी के मलिकाना हक व स्वामित्व का मकान जो लक्ष्मीनगर बुरहानपुर में है उसे बैंक में बंधक रखा था। बड़े पिता घनश्यामदास का देहांत हो जाने के बाद बैंक के अधिकारियों द्वारा नियम और प्रक्रिया से हटकर लक्ष्मणदास दौलतानी यानी आवेदक के पिता को समय समय पर डराने धमकाने वाले नोटिस भेजे गए हैं और जिसका जवाब आवेदक के अधिवक्ता के माध्यम से भेजा गया, लेकिन 15 अक्टूबर को शाम करीब 4.30 बजे से 5 बजे के बीच बैक के खंडवा, इंदौर शाखा के अधिकारी बताने वाले कुछ लोग आए। इसमें एक प्रवीण कुमार नाम का एक व्यक्ति भी था। वह सीधे लक्ष्मीनगर स्थित घर पहुंचे और अंदर घुस गए। गालियां देने लगे और आवेदक को घर से बाहर निकालने की कोशिश करने हुए खींचते हुए लात मारते हुए बाहर लाए। कहा यह मकान खाली कर दो। तब आवेदक ने कहा कि मैं घर पर अकेला हू। माता, पिता कोई नहीं है और घर को खाली करने का कोई न्यायालय का आदेश भी आपके पास नहीं है। तब भी वह चिल्ला चोट करते रहे। आवाजें सुनकर मोहल्ले के लोग भी जमा हो गए। मोहल्ले के शैलेंद्र सोनी ने कहा कि आवेदक के पिता को बुलाते हैं वही आपसे बात करेंगे और मोहल्ले के ही एक व्यक्ति शैलेंद्र कुमार ने बीच बचाव किया। तब प्रवीण कुमार नाम का बैंक अधिकारी और उसके साथ आए तीन लोग बदतमीजी करने लगे। कहा पुलिस को भी साथ लेकर आए हें।
कार पर लिखा था पुलिस, कार्रवाई की मांग
पीड़ित ने बताया एक कार साथ लाए थे उस पर पुलिस लिखा था। धमकी दी कि अगर कल तक मकान खाली नहीं किया तो पुलिस कार्रवाई करेंगे। पीड़ित ने कहा लोन का प्रकरण हमारा नहीं है। हमारे साथ घर में घुसकर मारपीट की गई। दोषी लोगों पर कार्रवाई होना चाहिए।
संपत्ति कुर्की का आदेश न्यायालय से पारित होता है
पीड़ित पक्षकार के वकील संतोष देवताले ने कहा प्राइवेट बैंक को कोई अधिकार नहीं है कि वह ऋणी के घर पहुंच कर गारंटर की बंधक रखी संपत्ति को कुर्क करें। एयू फाइनेंस के बाहर से आए हुए अधिकारियों ने कानून का उल्लंघन किया है। संपत्ति कुर्की का आदेश न्यायालय से पारित होता है। बिना कोर्ट आदेश के किसी के घर पहुंच कर और जबरदस्ती अंदर घुसकर संबंधित व्यक्ति के नहीं होने पर भी उसके बेटे के साथ धौस धमकी देना और साथ में लाई हुई कार पर पुलिस का स्टिकर लगाकर फर्जी तरिके से डराना, घर को ताला लगाने की बात करना गंभीर प्रकृति का अपराध है। एसपी देवेन्द्र पाटीदार ने बैंक के सभी संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई के लिए थाना लालबाग को निर्देशित किया है।
और इधर……….
लूम, बीड़ी बनाने का काम कर रही महिलाओं को धमकाया था
पिछले दिनों लूम पर काम करने वाली, बीड़ी बनाने वाली सैकड़ों महिलाओं को माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लोगों ने धमकाया था। उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा था। दरअसल माइक्रो फाइनेंस कंपनियां अपने फायदे के लिए लोगों को छोटे छोटे लोन देती है, लेकिन जब वसूली नहीं होती तो दादागिरी की जाती है। पिछले दिनों काफी संख्या में महिलाएं एकत्रित होकर कलेक्टर कार्यालय शिकायत लेकर पहुंची थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। बाद में नगर के जनप्रतिनिधि आगे आए थे और एक प्रेस कांफ्रेंस कर माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की दादागिरी पर सवाल उठाते हुए आंदोलन की बात कही थी। तब कहीं जाकर कंपनियों ने लोगों को परेशान करना बंद किया था, लेकिन अब भी जिले में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का मकड़जाल फैला हुआ है। इसकी जांच होना चाहिए, क्योंकि इसके कारण कईं गरीब परिवार पीड़ित हैं।