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राजस्व आय और पूंजीगत कुल बजट 2 अरब 09 करोड़ 90 लाख 42 हजार हुआ पारित
बुरहानपुर। पिछली बार नगर पालिक निगम का परिषद सम्मेलन 28 जुलाई को हुआ था, लेकिन तब महापौर को डरपोक कहने पर स्थगित कर दिया गया था। सोमवार को फिर सुबह 11 बजे से सम्मेलन हुआ। इसमें कभी हंगामा तो कभी नोकझोक होती रही, लेकिन शाम 6.30 बजे सम्मेलन और हंगामेदार हो गया।
इंदिरा कॉलोनी स्थित परमानंद गोविंदजीवाला ऑडिटोरियम में हुए सम्मेलन में दोपहर में प्रभारी लेखाधिकारी रहे बसंत पाटिल को बर्खाश्त किये जाने को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। बैठक के दौरान ही बसंत पाटिल पर लगे आरोपों के कारण उन्हें हटाए जाने को लेकर प्रस्ताव लिया गया, लेकिन फिलहाल उन्हें हटाया नहीं गया है वहीं शाम 6.30 बजे फिर से हंगामा हो गया। यह हंगामा इतना बड़ा कि विपक्ष के पार्षद बैठक छोड़कर चले गए।
48 पार्षदों ने सवाल लगाए थे, आयुक्त, महापौर ने दिए जवाब
परिषद की बैठक से पहले नगर के 48 वार्डों के पार्षदों ने जो सवाल लगाए थे उसके जवाब देने के लिए बैठक रखी गई थी। इसमें सभी पार्षदों को एक एक कर बारी बारी से अपनी बात रखना थी, लेकिन कईं बार अपनी बात रखते समय विपक्ष ने विरोध जताया और लापरवाही पर हंगामा भी किया। रात पौने आठ बजे तक भी सम्मेलन जारी रहा।
भाजपा पार्षद ने उठा सवाल- 15 हजार पीएम आवास में से 13 हजार बने, संपत्तिकर में क्यों नहीं जुड़े
बैठक के दौरान भाजपा पार्षद गौरव शुक्ला ने सवाल उठाए जिसका अफसर भी जवाब नहीं दे पाए। भाजपा पार्षद ने कहा- शहर में 15 हजार में से 13 हजार पीएम आवास पक्के बने हैं। उन्हें आज तक संपत्तिकर में शामिल क्यों नहीं किया गया। अगर हम रेवेन्यु की बात नहीं करेंगे तो अफसर तो अपनी मनमानी करेंगे। नगर में 35 हजार मकान और 326 बोरिंग है। केवल बोरिंग का बिल ही नगर निगम 14 लाख रूपए प्रतिमाह भर रहा है। अवैध नल कनेक्शन वैध क्यों नहीं किए जा रहे हैं। नगर में मकान तो 35 हजार हैं, लेकिन नल कनेक्शन केवल 18 हजार क्यों हैं। क्या टैक्स मोहर्रिर वसूली करने नहीं जा रहा है। वह सिर्फ सैलरी के लिए काम कर रहे हैं। अधिकारी लाचार क्यों हैं।
पार्षदों ने विरोध किया था
वहीं आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने कहा- नगर में 18 हजार नल कनेक्शन हैं। वसूली की जा रही थी। अवैध को वैध कराया जा रहा था, लेकिन कुछ पार्षदों ने विरोध किया था। तब वसूली में बाधा आई। इसके बाद भी 2021-22 में 6 करोड़ फिर 7 करोड़ और 23-24 में 10 करोड़ की वसूली की गई। जल प्रदाय की वसूली भी दोगुनी हुई है, लेकिन पार्षद ने फिर सवाल उठाए कि 35 हजार मकान हैं तो 18 हजार की वसूली क्यों हो रही है। जलावर्धन वालों ने 32 हजार कनेक्शन लगा दिए। एक वार्ड में हम ढाई हजार रूपए रेवेन्यु वसूल रहे हैं और 40 हजार रूपए बोरिंग का बिल भर रहे हैं। ऐसे में कैसे काम चलेगा।
पूर्व महापौर बोले- नियमानुसार सम्मेलन हुआ
विपक्षी पार्षदों के सदन से चले जाने की बात पर पूर्व महापौर अतुल पटेल ने कहा-दो बार के पार्षद विनोद पाटिल। उन्हें सभापति बनाया गया। सभापति को जल्दी जाना होगा। सभापति काम ही नहीं करना चाहती। किसी ने कोई अपमान नहीं किया। सदन की कार्रवाई हुई। कोई काम नहीं रूकता। एक सिस्टम बना हुआ है। एक्ट में रूल बना है। पौने छह बजे से पहले अध्यक्ष की सहमति से प्रस्ताव रख दिया गया था। छह बजे विपक्ष के लोग नियम बता रहे थे। तभी रोका जाना था। छह बजे के बाद बैठक नहीं बुलाई जा सकती है, लेकिन लंबी चल सकती है। अभी पौने आठ बज रहे हैं। सम्मेलन कुछ समय के लिए किया जा सकता है, लेकिन अगली तारीख के लिए किया जाता है तो सदन की सहमति ली जाती है। उनकी ही सहमति से बैठक बुलाई। पिछली बार भी उन्होंने 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया था। यहां बजट का विषय था। शहर विकास की बात है।
बजट पर भी समय देना जरूरी
आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने कहा-बैठक में शाम तक 60 से अधिक समस्याओं पर चर्चा हुई। बजट पर भी समय देना जरूरी था। इसलिए बैठक जारी रखी गई। कोरम पूरा रहा। सत्ता पक्ष के पार्षद मौजूद थे। उन्होंने विनोद पाटिल को सभापति नियुक्त कर एजेंडें के प्रस्तावों पर चर्चा की।
ये आसंदी का अपमान
वही निगम अध्यक्ष अनीता अमर यादव ने कहा बैठक का समय अधिक होने के कारण महिला पार्षदों ने बैठक स्थगित कर अगली तारीख देने का आग्रह किया था। मैंने महापौर से चर्चा की और आने वाली 5 तारीख तय कर बैठक स्थगित कर दी। उन्होंने जो बैठक की है, वो असंवैधानिक है। ये आसंदी का अपमान है।
बजट हुआ पारित
परिषद बैठक में नगर नगर निगम बुरहानपुर का वर्ष 2024 2025 का आए हुए बजट मध्य प्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम के अंतर्गत बुरहानपुर ने पारित किया गया। जिसमें इस बजट में कुल राजस्व आय और पूंजीगत कुल बजट 2 अरब 09 करोड़ 90 लाख 42 हजार ,इस प्रकार नगर निगम को व्यय पर आय की बचत 1 लाख हुई का बजट पेश किया गया। निगम परिषद के महापौर ने कहा कि पिछले परिषद के प्रस्तावों में बचे हुए शहर हित के फैसले पर सहमति बनी।
परिषद में प्रस्तावों को दी गई मंजूरी
जिसमें सबसे अहम है शहर के सड़कों का कायाकल्प, स्वास्थ्य सुविधाएं, सफाई के साधन जुटाना, सफाई की जाना, संजीवनी क्लिनिको का निर्माण, संपतिकार मूल्य की 25 प्रतिशत की वृद्धि किया जाना भी प्रस्तावित किया गया तथा जल अवर्धन योजना के कार्य जल्द से जल्द करने पर सहमति बनी अधिक प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई।
नगर निगम परिषद के दौरान सत्तापक्ष एवं निर्दलीय पार्षद और विपक्ष के पार्षदों द्वारा प्रश्न किए गए उसके पश्चात शाम 5.45 मिनट पर माननीय अध्यक्ष द्वारा बजट के संबंध में चर्चा करने हेतु सदन के पटल पर प्रस्ताव रखा गया जिस पर विपक्ष दल एवं निर्दलीय पार्षदो द्वारा चर्चा करने से इनकार करते हुए वॉकआउट किया गया। सत्तापक्ष एवं निर्दलीय पार्षदो ने मिटींग में परिषद के पटल पर प्रस्ताव आने के पश्चात मीटिंग को स्थगित नहीं किया जा सकता है। जब विपक्षी सदस्यों एवं निर्दलीय पार्षदो ने मतभेद के बाद बैठक से वॉकआउट किया है और परिषद छोड़कर चले गए। इसके बाद सदन द्वारा सत्ता पक्ष ने मध्य प्रदेश अधिनियम 1956 के अंतर्गत धारा 33/3 का हवाला देकर अपने पार्षद दल मे से 2 बार के वरिष्ठ पार्षद संभाजी सगरे एवं 3 बार के चुने हुए वरिष्ठ पार्षद विनोद पाटिल को सभापति के रूप में चयन किया गया। जिसके उपरांत परिषद की मीटिंग पुनः प्रारंभ की जाकर 7.45 बजे परिषद बैठक संध्या तक जारी रही तथा कई प्रस्तावों पर सहमति बनी।
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