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एक दिन पहले सीएमओ ने कांग्रेस नेता और नपाध्यक्ष पति की थाने में की थी शिकायत
बुरहानपुर। नेपानगर नगर पालिका में एक दिन पहले नपाध्यक्ष भारती पाटिल और सीएमओ के बीच बहसबाजी और बाद में अध्यक्ष पति और कांग्रेस नेता विनोद पाटिल के खिलाफ थाने में शिकायत होने के मामले में दोनों ही पक्षों द्वारा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए गए थे। सीएमओ शैलेन्द्र चौहान ने खुलासा किया था कि नगर पालिका अध्यक्ष की 65 फाइलों की सूची लोकायुक्त में है। अगर ऐसा है तो इसकी जांच की मांग भी उठ रही है। एक अफसर द्वारा सार्वजनिक रूप से इस तरह खुलकर आरोप पहली बार किसी नगर पालिका अध्यक्ष पर लगाए गए हैं।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही नगर पालिका अध्यक्ष पति विनोद पाटिल पर सीएमओ शैलेंद्र चौहान ने आरोप लगाए थे और उनकी नेपा थाने में शिकायत भी की है। इस मामले में जांच जारी है। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी, लेकिन इस खींचतान के बीच कईं पुराने मामले भी उजागर हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि अध्यक्ष प्रतिनिधि द्वारा किसी फाइल के मामले में दबाव बनाया जा रहा था। इससे आहत होकर ही सीएमओ शैलेन्द्र चौहान ने शिकायत की थी।
सीएमओ ने यह लगाए थे आरोप
नगर पालिका में एक ही कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर जाता है उसे ही काम मिलता है। अध्यक्ष के वाहन का कलेक्टर रेट मंगाया। उनके वाहन का 34-35 हजार का भुगतान है जबकि पिछले अध्यक्षों का वाहन का भुगतान 24 हजार प्रतिमाह होता था। उनके गलत काम करने का मैं अब तक मना करता आ रहा था। इनके द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि मैं भ्रष्टाचार कर रहा हूं। अगर ऐसा है तो जांच करा ली जाए। जो जांच में दोषी पाया जाए। उस पर कार्रवाई हो। उनकी 60-65 फाइलों की सूची लोकायुक्त के पास गई है। जांच हो चुकी है जिसमें कुछ लोग दोषी भी हो चुके हैं। वह खुद की जेसीबी चलाते है। वहीं ढाई तीन लाख के कामों की एक फाइल ले आए मैंने फाइल देखकर मना कर दिया। वह किसी भी कर्मचारी को हटाने, लगाने का काम करते हैं। अगर अध्यक्ष बात करती तो ठीक था, लेकिन हमेशा उनके पति बोलते हैं। गेट बंद करके पार्षद, पति चिल्लाते हैं। दबाव बनाते हैं। बदतमीजी से बात करते हैं। आज बुलाया तो चेंबर मैंने चेंबर में जाने से मना कर दिया तब उन्होंने अभद्र व्यवहार किया।
कार्रवाई होगी या समझौता अभी तय नहीं
नगर पालिका सीएमओ के पक्ष में नपा के कर्मचारी भी हैं। इधर बताया जा रहा है कि सीएमओ ने एक शर्त रखी है कि उनके साथ हुई अभद्रता को लेकर वह माफी मांगें। तब तक सीएमओ ने मोहलत दे दी है, लेकिन फिलहाल निर्णय नहीं हो पाया है। अब देखना यह है कि कार्रवाई होती है या आपसी समझौता कर मामला रफा दफा कर दिया जाता है, लेकिन नपा के कामों की जांच की मांग तो उठ रही है।