बुरहानपुर। लोकायुक्त इंदौर की टीम ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए तहसीलदार कार्यालय में पदस्थ रीडर अशोक कुशवाह को ₹3,500 की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया। आरोपी ने आवेदक से भूखंड नामांतरण के बदले रिश्वत मांगी थी।
शिकायतकर्ता रोहित सिंह वर्मा ने बताया कि उन्होंने मेक्रो विजन स्कूल के सामने दो प्लॉट खरीदे थे। उनका नामांतरण कराने के लिए फाइल तीन महीने पहले से तहसील कार्यालय में लंबित थी। शिकायतकर्ता ने कहा,
रविवार को उन्हें फोन लगाकर कहा कि आपने यहां प्लॉट लिए हैं, वहां के 2500 रुपये प्रति प्लॉट का रेट है, यह आपको देना होंगे। “रीडर अशोक कुशवाह ने प्रति प्लॉट ₹2,500 का रेट बताया और रिश्वत देने का दबाव बनाया। जब मैंने विरोध किया, तो उसने ₹5,000 की डिमांड कर दी।
लोकायुक्त इंदौर की टीम, डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल के नेतृत्व में, सोमवार दोपहर 1 बजे तहसील कार्यालय पहुंची। टीम ने योजना बनाकर रीडर को शिकायतकर्ता से ₹3,500 की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा।
जैसे ही लोकायुक्त की कार्रवाई की खबर फैली, तहसील कार्यालय में हड़कंप मच गया। आरोपी रीडर को तुरंत लोकायुक्त टीम द्वारा वाहन में बैठाकर स्थानीय सर्किट हाउस ले जाया गया, जहां आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
लोकायुक्त की टीम
पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त, जयदीप प्रसाद के भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त निर्देशों के तहत इंदौर लोकायुक्त इकाई ने बुरहानपुर तहसील कार्यालय में ट्रैप ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस कार्रवाई में लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल के नेतृत्व में टीम ने सक्रिय भूमिका निभाई। टीम में इंस्पेक्टर: प्रतिभा तोमर, आरक्षक: विजय शेलार, आशीष नायडू, सतीश यादव, कृष्णा अहिरवार आदि शामिल है।
सरकारी अधिकारी रिश्वत मांगने पर होंगा दंडित
डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने कहा घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। लोकायुक्त की टीम ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी सरकारी अधिकारी रिश्वत मांगने पर दंडित होगा। नागरिकों से अपील है कि किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की सूचना लोकायुक्त को दें।