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एक क्लिनिक पर अगस्त और दूसरी पर सितंबर माह में की गई थी जांच
बुरहानपुर। स्वास्थ्य विभाग की शिकायत पर खकनार थाना पुलिस ने देड़तलाई के दो आयुर्वेदिक पद्धति के डॉक्टर्स पर ऐलोपैथी तरीके से इलाज करने पर जांच के बाद एफआईआर दर्ज की गई। खास बात यह है कि देड़तलाई में पहली कार्रवाई अगस्त 24 और दूसरी सितंबर 24 में हुई थी, लेकिन इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग की ओर से 29 नवंबर को पुलिस को शिकायत की गई। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी डॉक्टर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
यह है मामले
8 अगस्त 2024 को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने देड़तलाई में डॉ. इमरान कुरैशी के क्लिनिक पर जांच की। यहां बीईएमएस डीएनवायएस, सीएचवी, सीएचडब्ल्यू, सीएमईडी, डी-फार्मा डिग्री दिखाई गई। क्लिनिक पर सर्जिकल स्टूमेंट एलोपेथिक दवाईयां पाई गई। एक मरीज भर्ती मिला डिग्री के अनुसार ऐलोपेथिक पद्धति के अनुसार उपचार की पात्रता नहीं होने पर सर्जिकल स्टूमेंट जब्त किए गए। 29 नवंबर को पुलिस को शिकायत की गई। सीबीएमओ अनुराग सोनी की शिकायत पर केस दर्ज हुआ।
वहीं 8 सितंबर 24 को डॉ. विभूति गोलदार देड़तलाई के क्लिनिक पर जिला स्तरीय टीम ने निरीक्षण किया। उनके पास बीईएमएस की डिग्री पाई गई। क्लिनिक में एलोपेथिक दवाईयां और इंजेक्शन पाए गए। भर्ती मरीज पाया गया जिसे आईवी सेट लगाकर उपचार किया जा रहा था। बायोमेडिकल वेस्ट के विस्थापन की कोई व्यवस्था नहीं मिली। बायोमेकिडल वेस्ट बीएमडब्ल्यू खुले में जला पाया गया। डिग्री के अनुसार ऐलोपेथिक पद्धति के अनुसार उपचार की पात्रता नहीं है जबकि ऐलोपेथिक पद्धति के अनुसार उपचार करते पाया गया। मप्र आयुर्विज्ञान परिषद 1987 की धारा 24 के तहत मामला विवेचना में लिया जाकर ख्कनर पुलिस एफआईआर दर्ज की।