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चार स्थानों पर ज्ञापन सौंपा, जंगल और वन संपदा की सुरक्षा पर जोर
बुरहानपुर। जंगल और पर्यावरण बचाने की चिंता लेकर जिले के विभिन्न गांवों के ग्रामीणों ने सोमवार को चार अलग-अलग स्थानों पर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने जोर देकर कहा कि क्षेत्र में बढ़ती अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से अंतराम अवासे की जिला बदर अवधि बढ़ाने की मांग की।
ग्रामीणों का कहना है कि वे प्रकृति पूजक हैं और सदियों से जंगल और उसकी संपदा पर निर्भर हैं। महुआ, आंवला, तेंदूपत्ता, और कीमती जड़ी-बूटियां उनकी जीविका का मुख्य आधार हैं। साथ ही वे वन संरक्षण की परंपरा का पालन करते आ रहे हैं।
• वन और पर्यावरण का महत्व: ग्रामीणों ने कहा कि उनके क्षेत्र की लगभग 25,000 गायें वनों पर निर्भर हैं। शादी-ब्याह जैसे समारोहों में पेड़ लगाकर परंपराओं का पालन किया जाता है।
• अवैध कटाई से नुकसान: कुछ वर्षों पहले बाहरी जिलों से आए अतिक्रमणकारियों ने हजारों हेक्टेयर जंगल की अवैध कटाई की, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा।
प्रशासनिक कार्रवाई का असर
• पिछले साल जिला प्रशासन ने अंतराम अवासे को आपराधिक गतिविधियों के कारण एक साल के लिए जिला बदर किया था।
• इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में शांति स्थापित हुई और किसी प्रकार की अवैध कटाई नहीं हुई।
• लेकिन, हाल ही में जिला बदर की अवधि समाप्त होने पर स्थिति बिगड़ने लगी है।
ग्रामीणों की मुख्य मांगें
• अंतराम अवासे की जिला बदर अवधि बढ़ाई जाए।
• जिन लोगों की जिला बदर की अवधि खत्म हो रही है, उनकी अवधि को भी बढ़ाया जाए।
• बाहरी अतिक्रमणकारियों और स्थानीय अपराधियों पर कड़ी नजर रखी जाए।
• वन और पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अंतराम अवासे और उसके समर्थक बाहरी जिलों से अतिक्रमणकारियों को बुलाकर जंगलों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। यह गतिविधियां न केवल वन संपदा को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि क्षेत्र के लोगों के लिए भी खतरा पैदा कर रही हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि जंगल और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वे पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने प्रशासन को भरोसा दिलाया कि वे वन संरक्षण के हर प्रयास में सहयोग करेंगे।
इन्हें सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों ने नावरा में थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल, शाहपुर में रेंजर, बुरहानपुर में डिप्टी कलेक्टर राजेश पाटीदार, और खकनार में एसडीएम भागीरथ वाखला को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने वालों में किशन धांडे, राजेश कास्डेकर, अनुसूचित जनजाति मोर्चा जिलाध्यक्ष भरत पटेल और अन्य लोग शामिल थे।