बुरहानपुर। शहर के लालबाग रोड स्थित नेहरू मांटेसरी स्कूल में शनिवार शाम को दर्दनाक हादसा हुआ। निर्माणाधीन भवन में फायर सेफ्टी के लिए पाइप लगाते समय तीन मजदूर हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गए। करंट लगने से एक मजदूर दूसरी मंजिल से नीचे गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह हादसा शनिवार शाम करीब 5 बजे हुआ, जब स्कूल में एक कार्यक्रम का समापन हुआ था। मृतक मजदूर की पहचान 27 वर्षीय मोहम्मद नाज के रूप में हुई है, जो दाऊदपुरा का निवासी था। हादसे में घायल हुए अन्य मजदूरों में शेख फारूख और जलील खान शामिल हैं, जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
स्कूल डायरेक्टर मुफज्जल हुसैन के अनुसार, मजदूरों को सीढ़ियों का उपयोग कर पाइप ऊपर ले जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने बाहर बंधी पाल (लकड़ी के तख्ते) का सहारा लिया। इसी दौरान पाइप हाईटेंशन लाइन से टकरा गया और तीनों मजदूर करंट की चपेट में आ गए।
प्रभाव और सुरक्षा चूक
• मजदूर सुरक्षा की अनदेखी: हादसे के दौरान मजदूरों के पास कोई सुरक्षा उपकरण नहीं थे, जिससे दुर्घटना घातक साबित हुई।
• निर्माण अनुमति: यह स्पष्ट नहीं है कि क्या स्कूल प्रशासन ने भवन निर्माण के लिए नगर निगम से अनुमति ली थी।
• विद्युत विभाग की लापरवाही: हाईटेंशन लाइन के इतने पास निर्माण कार्य की अनुमति कैसे दी गई? विद्युत विभाग ने पहले कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
• प्रबंधन की ज़िम्मेदारी: स्कूल प्रशासन ने घायलों के इलाज की ज़िम्मेदारी ली है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्कूल प्रशासन ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और घायलों के इलाज की जिम्मेदारी ली है। मृतक नाज के परिवार में माता-पिता और एक भाई हैं। उनका अंतिम संस्कार रविवार सुबह 11 बजे किया गया।
महत्वपूर्ण सवाल
1. क्या स्कूल प्रबंधन ने नगर निगम से निर्माण की अनुमति ली थी?
2. हाईटेंशन लाइन के नीचे कक्ष निर्माण की अनुमति कैसे मिली?
3. विद्युत विभाग ने इस संभावित खतरे को लेकर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
4. क्या इस लापरवाही के लिए स्कूल प्रशासन पर कोई कानूनी कार्रवाई होगी?
5. क्या मजदूरों के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाएगा?
प्रशासन की संभावित कार्रवाई
• पुलिस जांच: पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।
• नगर निगम और विद्युत विभाग की जांच: दोनों विभागों की लापरवाही की पड़ताल की जाएगी।
• मजदूरों के परिवार को मुआवजा: सरकार या स्कूल प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जा सकती है।
• भविष्य में सुरक्षा उपाय: प्रशासन को इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए कड़े नियम लागू करने चाहिए।