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तरबूज की फसल के खराब हो चुके पौधे लेकर तहसील कार्यालय पहुंचे किसान
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एक किसान ने कहा-20 साल से खेती कर रहा आज तक तरबूज पर वायरस नहीं आया
बुरहानपुर। जिले के खकनार क्षेत्र में हाल ही में तरबूज की फसल पर वायरस अटैक होने से किसान परेशान हैं। इस समस्या को लेकर सोमवार को खकनार, जामुनिया, सावली, निमंदड़ और आसपास के गांवों के किसान तहसील कार्यालय पहुंचे और अपनी समस्या अधिकारियों के समक्ष रखी। किसानों ने बताया कि वे वर्षों से तरबूज की खेती कर रहे हैं, लेकिन पहली बार इस तरह का वायरस देखने को मिला है।
किसानों की चिंताएं और ज्ञापन सौंपा
कई किसान अपने खेतों से खराब हो चुके तरबूज के पौधे लेकर पहुंचे थे। तहसीलदार की अनुपस्थिति में नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान हार्टिकल्चर अधिकारी गजानंद पांडे ने किसानों को भरोसा दिलाया कि कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेकर समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने किसानों को सुझाव दिया कि एक ही जमीन पर बार-बार तरबूज लगाने से वायरस का खतरा बढ़ सकता है।
वैज्ञानिकों ने किया खेतों का निरीक्षण
वहीं, कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की एक टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। टीम में कृषि विज्ञान केंद्र सांडसकला के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कार्तिकेय सिंह, डॉ. भूपेंद्र सिंह, उप संचालक कृषि एम.एस. देवके और उप संचालक उद्यानिकी राजू बड़वाया शामिल थे। उन्होंने जामुनिया, खकनार, सावली और निमंदड़ गांवों में जाकर किसानों से चर्चा की और फसलों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के निष्कर्ष
• वैज्ञानिकों के अनुसार, लीफ कर्ल वायरस नामक बीमारी के कारण फसल प्रभावित हुई है।
• तापमान में उतार-चढ़ाव और नमी के कारण एफीड और थ्रिप्स जैसे कीटों का संक्रमण बढ़ा है, जिससे यह वायरस फैला।
• इस वायरस के कारण पौधों की नई पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और पौधों की वृद्धि रुक जाती है।
किसानों को दिए गए सुझाव
• फसलों को कीटों से बचाने के लिए उपयुक्त जैविक और रासायनिक उपाय अपनाएं।
• लगातार एक ही जमीन पर तरबूज की खेती करने से बचें।
• वातावरण में नमी संतुलित बनाए रखें और उचित सिंचाई करें।
• कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सुझाई गई दवाओं का सही तरीके से छिड़काव करें।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
एसडीएम भागीरथ वाखला ने कहा कि इस समस्या को लेकर कलेक्टर से चर्चा की जाएगी और किसानों को उचित सहायता देने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर बाहरी कृषि वैज्ञानिकों को भी बुलाकर समाधान निकाला जाएगा।
किसानों से अपील
प्रशासन और कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों से अपील की है कि वे जल्दबाजी में कोई भी गलत निर्णय न लें और कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर ही कोई कदम उठाएं। यदि आपकी फसल भी प्रभावित हुई है, तो तुरंत कृषि विभाग या उद्यानिकी विभाग से संपर्क करें और उचित मार्गदर्शन प्राप्त करें।