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ढोल-मांदल की थाप पर थिरकेंगे कलाकार, बिना रुके लोक नृत्य का विश्व रिकॉर्ड
बुरहानपुर। बुरहानपुर, अपनी ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध, अब एक और उपलब्धि जोड़ने जा रहा है। 1 और 2 मार्च को स्थानीय परमानंद गोविंदजीवाला ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक आयोजन किया जाएगा। इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन जिला पुरातत्व पर्यटन व संस्कृति परिषद द्वारा किया जा रहा है।
लोक नृत्य की अनूठी प्रस्तुति
इस आयोजन के तहत नेपानगर जागृति कला केंद्र के प्रसिद्ध कलाकार मुकेश दरबार के नेतृत्व में 21 कलाकार लोक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम में भगोरिया, फगुआ और गणगौर नृत्य जैसे पारंपरिक नृत्य शामिल किए गए हैं। यह आयोजन 1 मार्च को दोपहर 1 बजे से शुरू होकर पूरी रात जारी रहेगा, जिसमें 9 कलाकार बिना रुके नृत्य करेंगे। मुख्य कलाकार मुकेश दरबार होंगे, जबकि अन्य कलाकार समय-समय पर बदलते रहेंगे।
पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर धुन पर थिरकेंगे कलाकार
इस विशेष आयोजन की एक और खासियत यह होगी कि नृत्य प्रस्तुति के दौरान कलाकार पारंपरिक वाद्ययंत्रों जैसे ढोल, मांदल और बांसुरी की धुन पर थिरकेंगे। यह संगीतमय समां दर्शकों को निमाड़ी संस्कृति की गहराइयों में ले जाएगा। निमाड़ के लोक संगीत और नृत्य की यह प्रस्तुति पूरे देश के सांस्कृतिक प्रेमियों के लिए एक दुर्लभ अनुभव होगी।
लंदन से आएगी टीम, देगी वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाण पत्र
इस आयोजन को विश्व स्तर पर मान्यता देने के लिए लंदन से एक विशेष टीम 2 मार्च को उपस्थित रहेगी और सफल प्रदर्शन के उपरांत कलाकारों को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र प्रदान करेगी। यह उपलब्धि ‘लांगेस्ट परफॉर्मिंग फोक डांस ग्रुप इंडिया’ श्रेणी में दर्ज होने जा रही है, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक क्षण होगा।
निमाड़ की संस्कृति को मिलेगी वैश्विक पहचान
मुख्य आयोजक मुकेश दरबार ने बताया कि इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य निमाड़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान दिलाना है। इसके साथ ही, यह कार्यक्रम बुरहानपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस आयोजन से न केवल निमाड़ी संस्कृति की धरोहर को संरक्षित करने में सहायता मिलेगी, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी मान्यता प्राप्त होगी।
पर्यटन और सांस्कृतिक संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण कदम
बुरहानपुर अपने ऐतिहासिक किलों, मकबरों और धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। इस प्रकार का आयोजन न केवल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा बल्कि स्थानीय कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा को निखारने और प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगा। इस आयोजन से बुरहानपुर को सांस्कृतिक पर्यटन हब के रूप में स्थापित करने में सहायता मिलेगी।
बुरहानपुर की यह ऐतिहासिक पहल न केवल जिले बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय होगी। यह आयोजन निमाड़ी संस्कृति और उसकी परंपराओं को विश्व पटल पर उभारने में एक अहम भूमिका निभाएगा।