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पुलिस की कार्रवाई में सामने आई अवैध शराब की बड़ी खेप
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खुलेआम बिक रही अवैध शराब, सोशल मीडिया वीडियो से हुआ बड़ा खुलासा
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आबकारी विभाग लाचार, माफियाओं के हौसले बुलंद
बुरहानपुर। जिले में अवैध शराब का कारोबार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। आबकारी विभाग की नाकाम कोशिशों के बावजूद शराब माफिया अपने धंधे को खुलेआम चला रहे हैं। हाल ही में जिले के नावरा क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की, जिसमें 17060 रुपए की अवैध शराब जब्त की गई। इस मामले में एक युवक समेत नेपानगर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष राजेश चौहान और उनके बेटे दीपांशु चौहान पर भी केस दर्ज किया गया है।
नावरा चौकी पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम नावरा, रहमानपुर डेम रोड पर एक व्यक्ति अवैध रूप से कच्ची महुआ शराब बेच रहा है। सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और आरोपी नंदकिशोर उर्फ बबलू उईके (निवासी नावरा) को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के दौरान आरोपी के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध शराब जब्त की। जिसमें चार पेटी प्लेन शराब, एक पेटी में 15 नग मसाला शराब, 10 बीयर बोतलें, कुल 44 लीटर 700 ग्राम शराब जप्त की गई। जब्त शराब की कीमत: 17060 रुपए बताई जा रही है। आरोपी के पास शराब बेचने और रखने का कोई लाइसेंस नहीं था।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो, बड़ा खुलासा
इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें आरोपी नंदकिशोर यह कहता नजर आ रहा है कि यह शराब नेपानगर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष राजेश चौहान और उनके बेटे दीपांशु चौहान की है। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने तीनों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।
पूर्व नपाध्यक्ष ने क्या कहा?
इस मामले में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजेश चौहान ने सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा, “अगर कोई व्यक्ति किसी का नाम ले ले, तो क्या पुलिस बिना जांच के केस दर्ज कर लेगी? मेरा इस मामले से कोई संबंध नहीं है। यह मेरे खिलाफ एक साजिश हो सकती है।”
क्या पुलिस की कार्रवाई पर्याप्त है?
यह मामला केवल एक गिरफ्तारी या जब्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे जिले में अवैध शराब कारोबार के बढ़ते जाल को उजागर करता है। छोटे गांवों और कस्बों में अवैध शराब का कारोबार तेजी से फैल रहा है। स्थानीय स्तर पर पुलिस की कार्रवाई सीमित होने के कारण शराब माफिया बेखौफ हैं।
आबकारी विभाग की विफलता
अवैध शराब के अड्डे लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन आबकारी विभाग कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा। केवल कुछ मामलों में कार्रवाई कर मामला रफा-दफा किया जा रहा है। आबकारी विभाग की निष्क्रियता के कारण शराब माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
आबकारी विभाग निष्क्रिय
बुरहानपुर में यह मामला अवैध शराब माफियाओं की ताकत और आबकारी विभाग की लापरवाही को उजागर करता है। यह केवल एक गांव या जिले की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे जिले में अवैध शराब कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। अब देखना होगा कि पुलिस और आबकारी विभाग इस मामले में कितनी सख्ती दिखाते हैं और क्या सच में अवैध शराब के इस काले कारोबार पर लगाम लगाई जा सकती है या नहीं?