बुरहानपुर। निंबोला थाना क्षेत्र के ग्राम बसाड़ में वर्ष 2024 की एक जघन्य घटना में 22 वर्षीय आरोपी रितेश पिता मनोहर वर्मा को विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) द्वारा दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष के कारावास और 2000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
ग्राम बसाड़, थाना निंबोला निवासी रितेश पिता मनोहर वर्मा ने 2024 में एक नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस गंभीर अपराध की सूचना मिलने पर थाना निंबोला पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपराध क्रमांक 71/24 के तहत प्रकरण दर्ज किया।
आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376, 376(3) तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act), 2012 की धारा 3 सह पाठित धारा 4(2) के तहत मामला दर्ज किया गया। साथ ही, पीड़िता अनुसूचित जाति से होने के कारण अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(2)(v-a) के तहत भी केस दर्ज किया गया।
पुलिस द्वारा जांच और अभियोजन
• इस गंभीर अपराध की विवेचना एसडीओपी नेपानगर निर्भय सिंह अलावा द्वारा की गई।
• आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत और गवाहों के बयान के आधार पर पुलिस ने मामले को मजबूत किया।
• 10 अप्रैल 2024 को न्यायालय में अभियोग पत्र (चार्जशीट) दाखिल किया गया।
• सरकारी पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्री रामलाल रंधावे ने केस की पैरवी की।
न्यायालय का फैसला
माननीय विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को दोषी पाया और 20 वर्ष का कठोर कारावास और 2000 रुपये का अर्थदंड सुनाया। अगर आरोपी जुर्माने का भुगतान नहीं करता है, तो अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया गया है।
महत्वपूर्ण बिंदु
• त्वरित न्याय: मामले की जांच तेजी से पूरी कर अदालत में अभियोग पत्र पेश किया गया।
• कठोर सजा: न्यायालय ने नाबालिग के प्रति किए गए अपराध को गंभीर मानते हुए 20 वर्ष की सजा सुनाई।
• सख्त कानूनों का पालन: पॉक्सो एक्ट और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कठोरतम सजा दी गई।
• प्रभावी पैरवी: विशेष लोक अभियोजक रामलाल रंधावे ने पीड़िता को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।