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Tuesday, March 4, 2025
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अब कचरा बनेगा कमाई का जरिया: बोहरड़ा में 19 करोड़ की लागत से स्थापित होंगा सीबीजी प्लांट

  • निगम की स्मार्ट पहल- कचरा निपटान और ऊर्जा उत्पादन का अनोखा संगम

बुरहानपुर। शहरी क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहा है। खासतौर पर छोटे नगर निगमों में संसाधनों की कमी के चलते यह समस्या और जटिल हो जाती है। ऐसे में, बोहरड़ा ट्रेंचिंग ग्राउंड में कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) प्लांट की स्थापना एक क्रांतिकारी पहल साबित हो सकती है। यह प्रोजेक्ट कचरा निपटान, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म देगा।
दरअसल बोहरड़ा ट्रेंचिंग ग्राउंड में लाखों टन कचरे की बायो माइनिंग का प्रोजेक्ट पिछले चार सालों से केवल कागजों तक ही सीमित था। लेकिन अब नगर निगम ने इस मैदान में सीएनजी वाहनों के लिए कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगाने की योजना बनाई है। इस प्लांट की अनुमानित लागत लगभग 19.09 करोड़ रुपये होगी, जिसमें कुछ राशि केंद्र सरकार अनुदान के रूप में देगी, वही ठेकेदार द्वारा भी अनुमानित राशि निवेश होंगी।
सीबीजी प्लांट की विशेषताएँ
निगम आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्लांट की क्षमता रोज़ाना 75 टन गीले और 50 टन सूखे कचरे को प्रोसेस करने की होगी। इसके साथ ही, एक मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) प्लांट भी स्थापित किया जाएगा, जिससे शहर सहित शाहपुर, मोहम्मदपुरा और एमगिर्द से रोजाना निकलने वाले कचरे का उसी दिन निपटान किया जा सके। निगम आयुक्त के अनुसार, इस प्लांट में प्रोसेस किए गए कचरे से गैस प्राप्त होगी, जिसे सीएनजी पंपों को बेचा जाएगा। इस गैस की बिक्री से होने वाली आय का एक निश्चित हिस्सा नगर निगम को मिलेगा, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
सीबीजी प्लांट स्थापित करने के फायदे
शहर में बढ़ते कचरे की समस्या का समाधान मिलेगा। एमआरएफ प्लांट की मदद से हर दिन निकलने वाले कचरे का तत्काल निपटान होगा। कचरे से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम होगा। भूमि और जल प्रदूषण में कमी आएगी। ठेकेदार द्वारा नगर निगम को सालाना तय राशि दी जाएगी। नगर निगम को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। सीबीजी उत्पादन से स्वच्छ ईंधन उपलब्ध होगा। साथ ही सार्वजनिक परिवहन और निजी वाहनों के लिए एक पर्यावरण-अनुकूल ईंधन विकल्प मिलेगा।
प्रदेश के छोटे नगर निगमों के लिए एक नया उदाहरण
अब तक इस तरह के सीबीजी प्लांट केवल बड़े शहरों में ही स्थापित हुए हैं। यह पहली बार होगा जब किसी छोटे नगर निगम में इस तरह का प्लांट लगाया जा रहा है। अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो यह अन्य छोटे शहरों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।
निगम का प्रेरणादायक मॉडल
बोहरड़ा ट्रेंचिंग ग्राउंड में कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल कचरा प्रबंधन को कारगर बनाएगा, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण में भी अहम योगदान देगा। यह पहल छोटे शहरों के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकती है, जिससे अन्य नगर निगम भी सीख लेकर अपनी कचरा प्रबंधन प्रणाली को और प्रभावी बना सकते हैं।

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