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गर्मी के कारण जंगलों में बढ़ रही आग की घटनाएं
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वन विभाग ने कैसे किया आग पर काबू?
बुरहानपुर। जिले के खकनार रेंज स्थित डवाली और नावथा वन क्षेत्र में मंगलवार दोपहर करीब 12:30 बजे अचानक आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि इसकी लपटें दूर-दूर से देखी जा सकती थीं। जंगल में फैली आग ने वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचाने की आशंका पैदा कर दी थी। लेकिन वन विभाग की त्वरित कार्रवाई से आग पर जल्द ही काबू पा लिया गया।
कैसे लगी आग? गर्मी बनी संभावित कारण
वन विभाग के एसडीओ अजय सागर ने कहा कि इस आग के पीछे मुख्य रूप से गर्मी एक कारण हो सकती है। बढ़ते तापमान के कारण जंगलों में आग लगने की घटनाएं आम हो जाती हैं। कई बार सूखी पत्तियां और घास अत्यधिक गर्मी की वजह से स्वतः जल उठती हैं। हालांकि, विभाग इस आग के अन्य संभावित कारणों की भी जांच कर रहा है, जैसे मानवीय लापरवाही या किसी ने जानबूझकर आग लगाई हो।
घटना के बाद वन विभाग की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही खकनार रेंज और आसपास के क्षेत्रों से वन विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। आग को नियंत्रित करने के लिए विभाग की विशेष टीमें लगाई गईं, जो पहले से ही ऐसी परिस्थितियों के लिए प्रशिक्षित थीं।
वन विभाग द्वारा आग से निपटने के लिए लीफ ब्लोअर मशीन और अन्य आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया। साथ ही, विभाग के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों और वन समितियों को सतर्क किया ताकि वे आग को फैलने से रोकने में मदद कर सकें।
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं, वन विभाग सतर्क
इससे पहले भी बुरहानपुर जिले के बोदरली और शाहपुर क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं के बाद वन विभाग ने इस साल विशेष सतर्कता बरतते हुए अपनी समितियों को हाई अलर्ट पर रखा था।
• सभी समिति सदस्यों के मोबाइल नंबर फायर मैनेजमेंट सिस्टम में दर्ज किए गए थे।
• वन विभाग ने ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए विशेष प्रशिक्षण और अग्निशमन ड्रिल करवाई थी।
• आग से निपटने के लिए आधुनिक उपकरणों का उपयोग करने का निर्देश दिया गया था।
वन विभाग की तैयारियों से बड़ा नुकसान टला
वन विभाग की पहले से की गई तैयारियों के कारण इस आग पर जल्दी काबू पाया जा सका। यदि समय पर उचित कदम नहीं उठाए जाते, तो यह आग और ज्यादा जंगलों में फैल सकती थी और वन्यजीवों को भारी नुकसान हो सकता था।
• तेजी से कार्रवाई: सूचना मिलते ही टीम 30 मिनट के अंदर मौके पर पहुंची।
• आधुनिक तकनीक का उपयोग: लीफ ब्लोअर और फायर मैनेजमेंट सिस्टम का सहारा लिया गया।
• स्थानीय समितियों की मदद: वन समितियों को पहले से प्रशिक्षित किया गया था, जिससे उन्हें आग बुझाने में सहायता मिली।
गर्मी में जंगलों में आग लगने का खतरा बढ़ा
गर्मी के मौसम में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इस समय सतर्कता की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वन विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे जंगलों में आग से संबंधित किसी भी तरह की लापरवाही न करें और यदि कहीं धुआं या आग दिखे, तो तुरंत प्रशासन या वन विभाग को सूचना दें।
क्या करें यदि जंगल में आग लगे?
1. तुरंत वन विभाग या प्रशासन को सूचित करें।
2. आग को फैलने से रोकने के लिए आसपास के लोगों को सतर्क करें।
3. बिना प्रशिक्षण के आग बुझाने की कोशिश न करें, यह खतरनाक हो सकता है।
4. यदि संभव हो, तो सूखे पत्तों और लकड़ियों को हटाकर आग को फैलने से रोकें।
5. आग बुझाने के लिए पानी, मिट्टी या कपड़े का प्रयोग करें (यदि सुरक्षित हो)।
वन विभाग की सतर्कता से जंगल बचा
बुरहानपुर जिले के जंगलों में लगी यह आग एक बड़ा खतरा बन सकती थी, लेकिन वन विभाग की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने इसे फैलने से रोक दिया। विभाग की पहले से की गई तैयारियों ने आग पर नियंत्रण पाने में अहम भूमिका निभाई। आग से बचाव के लिए आम नागरिकों को भी सतर्क रहना होगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना प्रशासन को देनी होगी। गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग अब और अधिक सावधानी बरत रहा है।