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नगर पालिका पर भेदभाव का आरोप, भाजपा पार्षदों ने बैठक से बनाई दूरी
नेपानगर। नेपानगर नगर पालिका द्वारा मंगलवार को आयोजित विशेष सम्मेलन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। भाजपा पार्षदों ने नगर प्रशासन पर विकास कार्यों में भेदभाव का आरोप लगाते हुए सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया।
यह विशेष सम्मेलन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मंगल भवन में मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 56 के तहत नपाध्यक्ष के निर्देश पर सीएमओ शैलेन्द्र चौहान द्वारा बुलाया गया था। सम्मेलन के दौरान दो प्रमुख विषयों पर चर्चा की जानी थी। जिसमें नगर पालिका के नए कार्यालय भवन में स्थानांतरण और प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति। ब्लैक स्पॉट योजना के तहत नेपा लिमिटेड मैन गेट से शिवाजी चौराहे तक सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव। नगर प्रशासन का दावा है कि इन प्रस्तावों को पारित कर शहर के विकास को गति दी जानी थी।
भाजपा पार्षदों का आरोप और बहिष्कार
नेता प्रतिपक्ष रमेश कैथवास का कहना है कि पिछले तीन वर्षों में उनके वार्डों में एक भी विकास कार्य नहीं हुआ है। उन्होंने नगर प्रशासन पर राजनीतिक भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केवल कुछ वार्डों में ही विकास कार्य किए जा रहे हैं।
राजेश चौहान का बड़ा आरोप
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष और भाजपा नेता राजेश चौहान ने भी कांग्रेस शासित नगर प्रशासन पर आरोप लगाया कि भाजपा शासित वार्डों की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा, “नगर प्रशासन केवल अपने राजनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है, भाजपा पार्षदों के वार्डों को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है।” भाजपा पार्षदों ने विरोध स्वरूप सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया और नगर पालिका प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
नगर पालिका प्रशासन की सफाई
नगर पालिका अध्यक्ष भारती विनोद पाटिल ने भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि नगर के सभी वार्डों में विकास कार्य चल रहे हैं और किसी भी वार्ड के साथ भेदभाव नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा,”हम राजनीति से ऊपर उठकर शहर के विकास के लिए काम कर रहे हैं। करोड़ों रुपये के विकास कार्य पूरे नगर में किए जा रहे हैं। भाजपा पार्षदों के आरोप बेबुनियाद हैं।”
नए नगर पालिका भवन को लेकर भी हुआ विवाद
नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रतिनिधि प्रवीण काटकर ने बताया कि नए कार्यालय भवन के लोकार्पण के लिए सांसद और विधायक से चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि चूंकि इस भवन के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने फंड दिया है, इसलिए लोकार्पण समारोह में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को बुलाया जाना चाहिए।
अब क्या होगा?
भाजपा पार्षदों के इस बहिष्कार के बाद नगर प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। इस विवाद के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि नगर पालिका प्रशासन इस मामले को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाएगा।
क्या भाजपा पार्षदों की मांगों को सुना जाएगा? क्या नगर पालिका प्रशासन सभी वार्डों में समान रूप से विकास कार्य करेगा? इस पूरे विवाद का असर नेपानगर की राजनीति पर भी पड़ सकता है, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में यह मुद्दा राजनीतिक रूप से गर्मा सकता है।