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सिर्फ एक अकाउंट और उड़ गए करोड़ों! जानिए कैसे हुआ बुरहानपुर में बड़ा बैंक फ्रॉड

  • नौकरी के नाम पर युवक से खुलवाया बैंक अकाउंट, पासबुक-एटीएम लेकर राजस्थान भेजा, खाते से हुआ करोड़ों का लेनदेन

बुरहानपुर। शहर के एक 20 वर्षीय छात्र का नाम एक बड़े बैंक फ्रॉड में आ गया। उसे नौकरी का झांसा देकर अकाउंट खुलवाया गया, फिर उसके दस्तावेज किसी और को सौंप दिए गए। तीन महीने बाद जब बैंक पहुंचा तो पता चला – उसके नाम पर खुले खाते से करोड़ों रुपये का फर्जी लेनदेन किया गया है। अब थाना लालबाग और साइबर शाखा की जांच में यह एक बड़े फर्जीवाड़े का मामला बन चुका है। आरोपी एक महिला, उसका भाई और राजस्थान का एक युवक है। पुलिस ने तीनों के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4), 61(2), 3(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
दरअसल सूरज पिता गोपाल कार्ले, उम्र 20 साल, निवासी कोरोनेशन बाजार, लालबाग – बी.कॉम सेकंड ईयर का छात्र है। आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसलिए एक जान पहचान के दोस्त तनिष्क विजयवर्गीय (निवासी चिंचाला, लालबाग) ने कहा कि वह एक महिला से मिलाता है जो नौकरी दिलवा सकती है।
इंदिरा कॉलोनी की कामिनी नाम की महिला से मिलाया गया। उसने कहा कि पहले बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खाता खुलवाओ। सूरज ने 11 दिसंबर 2024 को खाता क्रमांक 60517213074 खुलवाया। इसके बाद कामिनी ने उसका पासबुक और एटीएम कार्ड अपने पास रख लिया। सूरज ने कई बार मांग की, लेकिन हर बार बहाना बना दिया गया।
3 महीने बाद बैंक जाकर खुला फर्जीवाड़े का राज
मार्च 2025 में सूरज अपने माता-पिता के साथ बैंक गया, तो बैंक अधिकारी ने जो जानकारी दी, उससे उनके होश उड़ गए। बैंक स्टाफ ने बताया कि इस खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है और वह भी एक ऐसे मोबाइल नंबर के ज़रिए जो सूरज का नहीं है। डर और आशंका के बीच सूरज ने पहले कामिनी से संपर्क किया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। एटीएम और पासबुक भी नहीं लौटाया। तब जाकर सूरज ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय, साइबर शाखा में आवेदन दिया।
जांच में निकला बड़ा खेल: दस्तावेज किसी प्रकाश गेहलोत को सौंपे गए थे
शिकायत की गहराई से जांच थाना लालबाग पुलिस द्वारा की गई। जांच में पाया गया कि सूरज के दस्तावेज, पासबुक और एटीएम कार्ड को राजस्थान निवासी प्रकाश गेहलोत को सौंप दिया गया था। उसी ने खाते का इस्तेमाल किया और करोड़ों का ट्रांजेक्शन किया। पुलिस को यह भी संदेह है कि इस तरीके से कामिनी और राकेश तायडे (कामिनी का भाई) ने कई और युवाओं से खाते खुलवाकर उनका दुरुपयोग किया है।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया
थाना लालबाग में मामला क्रमांक 04/2025 दर्ज किया गया। साइबर शाखा द्वारा भेजे गए दस्तावेजों, बैंक स्टेटमेंट और सूरज के विस्तृत बयान के आधार पर आरोपी कामिनी, राकेश तायडे, प्रकाश गेहलोत (राजस्थान निवासी) के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 61(2), 3(5) BNS के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि अब मामले की डिजिटल ट्रेल, अन्य पीड़ितों की पहचान और खातों की विस्तृत फॉरेंसिक जांच की जाएगी।
सावधान! अकाउंट खोलने से पहले सोचें दस बार
साइबर एक्सपर्ट्स और पुलिस की माने तो यह एक बड़ा नेटवर्क हो सकता है जो भोले-भाले युवाओं को जॉब या लोन के झांसे में लेकर उनके दस्तावेज़ हासिल करता है और फिर उनका दुरुपयोग कर फर्जीवाड़ा करता है। साइबर शाखा अधिकारी ने कहा कोई भी व्यक्ति अगर पासबुक, एटीएम या मोबाइल नंबर बैंक खाते से जुड़ा हुआ किसी और को देता है तो वह खुद भी अपराध की श्रेणी में आ सकता है। ऐसे मामलों में केवल आरोपी ही नहीं, खाता धारक भी संदेह के घेरे में आता है।
सूरज की गुहार: दोषियों को सज़ा मिले
शिकायतकर्ता सूरज का कहना है कि उसका कोई दोष नहीं था। उसे नौकरी का लालच दिया गया था। उसने बस खाता खोला और फिर सब कुछ कामिनी ने ले लिया। सूरज ने कहा मैंने खुद बैंक जाकर सच्चाई देखी और फिर तुरंत पुलिस में शिकायत की। मेरी सिर्फ इतनी गुजारिश है कि मेरा नाम इस फर्जीवाड़े से हटाया जाए और जो लोग असली दोषी हैं, उन्हें सज़ा मिले।

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