-
खकनार के नागझिरी में बिना अनुमति कराई हेला टक्कर, 6 आयोजक, 16 हेला मालिकों के खिलाफ जांच के बाद केस
-
तीन दिन पहले ही नेपा थाना पुलिस ने भी दर्ज किया था नौ लोगों पर मामला, इससे पहले कईं लोगों पर हो चुकी है एफआईआर
बुरहानपुर। जिले में विभिन्न अवसरों पर हेला टक्कर का आयोजन किया जाता है। प्रशासन की ओर से इसकी परमिशन नहीं होती। अब तक जिले के अलग अलग थानों में करीब 10 से अधिक आयोजनों के बाद एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। तीन दिन पहले ही नेपानगर की पांधार नदी के पास हेला टक्कर आयोजित होने पर नौ लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया था तो वहीं अब खकनार क्षेत्र के नागझिरी में हेला टक्कर आयोजित होने पर जांच के बाद पुलिस ने 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसमें आयोजन समिति के अध्यक्ष सहित 6 लोग और 16 हेला मालिक हैं।
खकनार थाना टीआई अभिषेक जाधव के अनुसार 13 अप्रैल को ग्राम नागझिरी खाली डेम पर पशुओं हेलों की टक्कर कराई गई। पुलिस को सूचना मिलने पर टीम मौके पर पहुंची और समझाईश दी, लेकिन लोग वहां से नहीं हटे। इसकी वीडियो रिकार्डिंग कराई गई। मेले की आड़ में हेला टक्कर कराई गई। यहां पशुओं को आपस में क्रूरतापूर्वक लड़वाया गया। इसे कलेक्टर द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन मानते हुए 22 आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 223, 125, 3-5 और धारा 11-1 क पशुओं के प्रति कूं्ररता निवारण अधिनियम 1960 के तहत केस दर्ज कर मामला जांच में लिया गया।
इन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज
आयोजन समिति के 6 लोग- अध्यक्ष जय पिता राजेश चौकसे, सदस्य मोहन पिता समाधान, रितेश पिता धीर सिंह चौहान, सुभाष पिता सरीचंद राठौर, मिथुन पिता मोर सिंह पवार, गज्जु पिता सामा सभी निवासी ग्राम नागझिरी।
16 हेला मालिक- कालु पिता रामलाल, गोलु पिता जवाहरलल, अज्जु पिता मल्लु, पिन्टिया पिता केश, अर्जुन पिता श्रवण, शांताराम पिता दादु पटेल सभी निवासी नागझिरी, लालु पिता राजकुमार पटेल निवासी सायर, कैलाश पिता हीरालाल भिलावेकर साईंखेड़ा, ईश्वर पिता कैलाश भिलावेकर नांदुरा खुर्द, साहिल पिता खलील शिकारपुरा, बबलु पिता प्रहलाद पवार निवासी राजौरा, आकाश पिता गोपाल जाधव निवासी ग्राम निंबापुर, अर्जुन पिता देव सिंह किराडे निवासी ग्राम साईंखेड़ा, योगेश पिता रमेश यादव निमंदड़, अमीर पिता सरफराज निवासी लाल बलड़ी और ऋषिकेश पिता मनोज पाटिल निवासी डोईफोड़िया शामिल हैं।
आयोजन से पहले नहीं रोकते हेले
जिले में मेला आयोजन के दौरान हेला टक्कर होती है। इसमें आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से हेले लाए जाते हैं, लेकिन उसे पहले से रोका नहीं जाता जबकि गांवों से हेलों का सजाकर निकाला जाता है। लोगों का कहना है कि आयोजन स्थल पर हेले पहुंचने से पहल ही इसे रोकना चाहिए।
….