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वन विभाग ने एसओपी के अनुसार कराया बाघिन का अंतिम संस्कार
बुरहानपुर। जिले की शाहपुर रेंज की चौंडी बीट के कक्ष क्रमांक 428 में एक बाघिन की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मादा बाघिन के पेट में तीन शावक थे, उनकी भी मौत हो गई। वन विभाग ने इस पूरे मामले से मीडिया को दूर रखा और जल्द बाजी में अंतिम संस्कार भी करा दिया गया।
दरअसल जिले की सीमा महाराष्ट्र से लगी हुई है और टाइगर रिजर्व मेलघाट क्षेत्र से जिले की सीमा में बाघों का आना जाना रहता है। इससे पहले नेपानगर क्षेत्र में एक बाघ की मौत हुई थी। वन विभाग ने जांच के बाद उसकी अधिक उम्र के कारण मौत होना बताया था। अब इस मामले में खंडवा सीसीएफ, बुरहानपुर डीएफओ सहित बुरहानपुर एसडीओ और वन विभाग की टीम जुटी थी, लेकिन पूरे मामले को छिपाने का प्रयास किया गया। दरअसल वन विभाग ने कई लोगों को सलाई गोंद के लाइसेंस जारी किए हैं। जबकि अवैध तरीके सभी जिले में गोंद का व्यापार होता है इसलिए अधिकांश लोग जंगलों में आ लगा देते है। बताया जा रहा है कि बाघिन की मौत एक वजह भी है।
5 डॉक्टर्स की टीम ने किया पोस्टमार्टम
वन विभाग की टीम को सूचना मिलने पर टीम मौके पर पहुंची और 5 डॉक्टर्स की टीम ने बाघिन का अंतिम संस्कार कराया। टीम में डॉ. प्रशांत देशमुख एनटीसीए प्रतिनिधि, डॉ हमजा नदीम वन्यजीव चिकित्सक वन विहार भोपाल, डॉ. हीरासिंह भंवर उपसंचालक पशु चिकित्सा बुरहानपुर, डॉ. अंजू अचाले पशु चिकित्सक बुरहानपुर, डॉ. रविंद्र पशु चिकित्सक बुरहानपुर शामिल थे। वन विभाग के अनुसार वन्य जीव बाघ के सभी अंग सुरक्षित पाए गए। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान मुख्य वन संरक्षक खंडवा रमेश गणावा, वन मंडलाधिकरी विद्याभूषण सिंह, उप वन मंडलाधिकारी अजय सागर, तहसीलदार शाहपुर के प्र्रतिनिधि गोविंद सिंह रावत, सरपंच ग्राम पंचायत जम्बूपानी लालसिंह भग्गा, एनटीसीए के प्रतिनिधि वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत देशमुख आदि मौजूद थे। पूरे घटनाक्रम की वन विभाग की ओर से वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी कराई गई।
डॉग स्कवायड की सहायता से छानबीन
वन अफसरों के अनुसार वन्य जीव बाघ की मौत की सूचना 2 मई की रात को मिली थी। एनटीसीए नई दिल्ली, मुख्य वन्य जीव अभिरक्षक मप्र भोपाल की ओर से जारी निर्देश के अनुसार तुरंत कार्रवाई की गई। डॉग स्कवायड की सहायता से घटना स्थल और आसपास की छानबीन की गई।
वन विभाग की गंभीर लापरवाही
शाहपुर वनपरिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 428 में बीती रात एक बाघिन का शव मिलने से वन महकमे में खलबली मच गई, लेकिन यह घटना वन विभाग की गंभीर लापरवाही और सुस्ती की ओर भी इशारा कर रही है। जिस क्षेत्र में यह घटना हुई, वह वन क्षेत्र घोषित है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वहां कोई रात्रिकालीन गश्ती नहीं हो रही थी? वन विभाग का दावा है कि बाघिन के सभी अंग सुरक्षित पाए गए, लेकिन यह केवल सतही राहत है, जबकि असली चिंता यह है कि एक संरक्षित वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र में ही मृत पाया गया – वह भी बिना किसी पूर्व चेतावनी के।