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थाना गणपति नाका क्षेत्र की दिल दहला देने वाली दहेज प्रताड़ना मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला
बुरहानपुर। सात फेरे, सात वचन और सात साल तक निभाया गया रिश्ता… लेकिन अंत में तबस्सुम को मिला तो सिर्फ फांसी का फंदा। पति और रिश्तेदारों की दहेज की लालसा ने उसकी जिंदगी लील ली। अब इस दिल दहला देने वाले प्रकरण में माननीय सत्र न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। पति को 10 वर्ष और सास-ननंदों को 3-3 वर्ष की सजा सुनाई है। साथ ही सभी पर 5000 का अर्थदंड भी लगाया गया है।
ये है पूरा मामला
04 जुलाई 2023 को थाना गणपति नाका क्षेत्र के आयशा मस्जिद के पास रहने वाली नवविवाहिता तबस्सुम ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। तबस्सुम की शादी को सात साल पूरे होने को आए थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि उसे लंबे समय से दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। उसकी सास, ननदें और पति उस पर मानसिक दबाव बनाते रहे, जिससे तंग आकर उसने यह खौफनाक कदम उठाया। घटना के बाद थाना गणपति नाका में मर्ग क्रमांक दर्ज कर जांच शुरू की गई, जिसमें दहेज प्रताड़ना के ठोस प्रमाण सामने आए। इसके बाद अपराध क्रमांक 283/2023 के तहत धारा 304बी, 498ए और 34 भा.दं.सं. में मुकदमा दर्ज किया गया।
इन आरोपियों को मिली सजा
पति सैय्यद शाकिर अली उर्फ शक्कू (30 वर्ष) को धारा 304-बी, 498-ए में 10 वर्ष कारावास, सास आरेफा बेगम (57 वर्ष) को धारा 498-ए में 3 वर्ष कारावास, ननंद सुमैय्या बेगम (33 वर्ष) को धारा 498-ए में 3 वर्ष कारावास, ननंद समरीन बानो उर्फ फिरदौस बानो (30 वर्ष) को धारा 498-ए में 3 वर्ष कारावास और सभी पर 5000 रु. जुर्माना लगाया गया।
कड़ी जांच और मजबूत पैरवी
इस मामले की गहन विवेचना तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक बृजेश श्रीवास्तव द्वारा की गई। वहीं न्यायालय में शासन की ओर से लोक अभियोजक श्याम देशमुख ने सशक्त पैरवी कर पीड़िता को न्याय दिलाया।