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नागपुर की एक फर्म को बेचा था लोहा, भुसावल क्राइम ब्रांच की कार्रवाई
बुरहानपुर। जिन हाथों में रेलवे सम्पत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी उन्होंने ही रेलवे को चूना लगाने की कोशिश की, लेकिन मामला उजागर हो गया। दरअसल रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर बुरहानपुर हरेंद्र कुमार ने ट्रैकमैन भरत कुमार के साथ मिलकर करीब 42 टन लोहा गलत तरीके से नागपुर की एक फर्म एआर ट्रेडर्स को बेच दिया। इसकी शिकायत भुसावल की रेलवे क्राइम ब्रांच को लगने पर टीम ने जांच की तो मामला उजागर हुआ। आरोपी सीनियर सेक्शन इंजीनियर हरेंद्र कुमार और ट्रैकमैन भरत कुमार को आरपीएफ ने एक दिन पहले गिरफ्तार कर खंडवा रेलवे मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया था। उन्हें 17 अक्टूबर तक रिमांड पर लिया गया है।
यह है पूरा मामला-
7 अक्टूबर को रेलवे का लोहा गलत तरीके से बेचा गया था। करीब 42 टन लोहा वाघोड़ा रावेर के रेल लाइन के पास रखा था जो स्क्रेप की श्रेणी में था। इसकी कीमत करीब 12 लाख रूपए से अधिक बताई जा रही है। सीनियर सेक्शन इंजीनियर और ट्रैकमैन ने इसे ट्रकों के माध्यम से लोड कराकर नागपुर की एक फर्म एआर ट्रेडर्स को बेच दिया। 10 अक्टूबर इसकी सूचना भुसावल रेलवे क्राइम ब्रांच को लगने पर क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर एलके सागर के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। 11 अक्टूबर को वेरीफाई हुआ कि रेलवे का लोहा गलत तरीके से बेचा गया है। नियमानुसार इसके लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाती है।
नागपुर से लोहा जब्त करने की कार्रवाई
बताया जा रहा है कि रेलवे पुलिस नागपुर से लोहा जब्त करने की कार्रवाई कर रही है। इससे अन्य आरोपी भी शामिल हैं। जांच के बाद उनके खिलाफ भी आरपीएफ पुलिस कार्रवाई करेगी। सीनियर सेक्शन इंजीनियर सरकारी संपत्ति को बाले बाले बेच चुका था, लेकिन इसकी भनक क्राइम ब्रांच को मुखबिर के माध्यम से लग गई थी।
एक दिन पहले किया था कोर्ट में पेश
आरपीएफ ने आरोपी सीनियर सेक्शन इंजीनियर और ट्रैकमैन के खिलाफ रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर शुक्रवार को खंडवा रेलवे मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया था। वहां से उन्हें 4 दिन की रिमांड पर लिया गया है। बताया जा रहा है कि मामले से जुड़ी अभी और भी कईं परतें खुल सकती है।