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आज मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता की जांच कराना जरूरी, उपस्थित नहीं हुए तो नियुक्ति होगी निरस्त
बुरहानपुर। जनजातीय विभाग की स्कूलों में कुछ माह पहले ही निःशक्त शिक्षकों की भर्ती हुई थी, लेकिन इसमें से अधिकांश नियुक्ति शंका के दायरे में आ गई थी। अब जनजातीय विभाग ने ऐसे 16 शिक्षकों को चयनित किया है। एक शिक्षक ने नौकरी ज्वाइन नहीं की। 15 का री-वेरीफीकेशन मेडिकल बोर्ड के समक्ष कराया जाना है। सभी को 10 अक्टूबर 23 को दिव्यांग शाखा जिला अस्पताल में बुलाया गया है। उन्हें साथ मूल दस्तावेज लेकर पहुंचना होगा। अगर मेडिकल बोर्ड के समक्ष मंगलवार 10 अक्टूबर को उपस्थित नहीं हुए तो ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त किए जाने की बात भी पत्र में कही गई है।
जनजातीय विभाग की ओर से यह जारी किया गया पत्र
जनजातीय विभाग के सहायक आयुक्त बुरहानपुर की ओर से 6 अक्टूबर को पत्र जारी किया गया। जिसमें कहा गया था कि आयुक्त लोक शिक्षण के पत्र के अनुसार दिए गए निर्देश के तहत जिले में दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति प्राप्त शिक्षकों को मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित कराया जाकर मेडिकल बोर्ड द्वारा शिक्षकों की दिव्यांगता की पुष्टि और दिव्यांगता 40 प्रतिशत या अधिक स्थायी दिव्यांगता होने या न होने की स्थिति की स्पष्ट पुष्टि कराया जाना है। इसे लेकर जनजातीय विभाग द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखा गया था। जिसके बाद सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय बुरहानपुर द्वारा 16 दिव्यांग शिक्षकों का 10 अक्टूबर को सुबह 11 बजे दिव्यांग शाखा में अपने मूल दिव्यांग दस्तावेजों व आधार कार्ड, समग्र आईडी, पासपोर्ट साइज फोटो साथ लेकर उपस्थित होकर मेडिकल बोर्ड से अपनी दिव्यांगता की जांच कराना सुनिश्चित करेंगे। पत्र में यह भी कहा गया कि यदि कोई दिव्यांग शिक्षक मेडिकल बोर्ड के समक्ष निर्धारित तारीख और समय पर उपस्थित नहीं होता है तो उसकी नियुक्ति निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
इन संस्थाओं में से 16 शिक्षकों को कराना होगा री-वेरीफीकेशन
पीएस लाल बलड़ी संकल डोईफोड़िया, पीएस नेपानगर नंबर 3 संकुल नेपानगर, पीएस तेंदुफालिया संकुल अंबाड़ा, पीएस गोलखेड़ा संकुल नावरा, पीएस मांडवा, बाकड़ी संकुल भातखेड़ा, पीए तुकईथड़ संकुल तुकईथड़़, पीएस पांगरी संकुल खकनार, ईजीएस लालपड़ावा संकुल अंबाड़ा और हायर सेकंडरी स्कूल भातखेड़ा संकुल भातखेड़ा शामिल है। इसमें से एक शिक्षक ने नौकरी ही ज्वाइन नहीं की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश सिसौदिया ने कहा-विभाग की ओर से हमें मेडिकल बोर्ड में री-वेरीफीकेशन के लिए पत्र भेजा गया था। उसकी तारीख दी गई होगी।