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डायरिया से प्रभावित मरीजों से अस्पताल पहुंचकर की चर्चा
बुरहानपुर। नगर मे डायरिया फैलने के कारण कुछ वार्डों में 200 से अधिक लोग बीमार हुए थे। इसमें सबसे अधिक बच्चे थे। इसे लेकर नगर निगम अब तक यह नहीं बताया पाया है कि जिम्मेदारी नगर निगम की है या निजी कंपनी की जिसने खुदाई में लापरवाही बरती थी। पार्षदों के आक्रोश के बाद नगर निगम ने शहर में सफाई अभियान चालू किया है। छह टीमें बनाई गई जो नगर में भ्रमण कर रही हैं। जिला अस्पताल में डायरिया के मरीजों की संख्या कम हो गई है। वहीं कांग्रेस नेताओं की मांग है कि इसके लिए जिम्मेदार जेएमसी कंपनी पर एफआईआर होना चाहिए।
इधर, भोपाल स्वास्थ्य विभाग की राज्य एपिडिमीयोलॉजिस्ट डॉ शेव्या सालम ने बुधवार को जिला अस्पताल पहुंचकर डायरिया से प्रभावित मरीजों और उनके परिजनों से चर्चा की। इससे पहले वह मंगलवार को डायरिया प्रभावित वार्डों का भ्रमण करने पहुंची थीं। बाद में कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त से मुलाकात की थी। बुधवार दोपहर वह भोपाल के लिए रवाना हो गईं। उन्होंने विभाग की ओर से कलेक्टर के माध्यम से अधिसूचना जारी करने की अपील की थी। जिसके बाद कलेक्टर की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। वहीं एपिडिमीयोलॉजिस्ट रिपोर्ट तैयार कर भोपाल ले गईं हैं।
गौरतलब है कि पिछले सात, आठ दिन के भीतर डायरिया के करीब 200 से अधिक मरीज मिले थे। इसमें सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए थे। वास्तविक स्थिति पता लगाने चिकित्सा शिक्षा व लोक स्वास्थ्य विभाग की इकाई एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम भोपाल की एपिडिमीयोलॉजिस्ट डॉ शेव्या सालम मंगलवार को बुरहानपुर पहुंची थी। यहां उन्होंने प्रभावित वार्ड नागझिरी, खैराती बाजार, बैरी मैदान, जय स्तंभ वार्ड पहुंचकर मरीजों के परिजनों से मुलाकात की थी। बुधवार को जिला अस्पताल पहुंचकर भी चर्चा की।
कलेक्टर की ओर से जारी की गई अधिसूचना
बुधवार दोपहर कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी भव्या मित्तल की ओर से आदेश जारी किया गया। जारी आदेश के अनुसार जिले में जल जनित रोगों, संक्रामक रोगों हैजा, आंत्रशोध, पेचिश, पीलिया, मस्तिष्क ज्वर आदि के फैलाव की संभावना के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य की दृष्टि से यह आवश्यक है कि संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रतिबंधात्मक उपाय तुरंत किए जाएं। इसके तहत बासी मिठाईयां, खराब नमकीन वस्तुओं, सड़े गले फलों, मछलियों, अंडों, सब्जियों व दूषित खाद्य पदार्थों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। खुले में कोई सामग्री नहीं बेची जाएगी। नालियों की नियमित सफाई कराई जाए। टकियों की सफाई, नियमित क्लोरीन डालकर जल शुरू किया जाए। ठेले पर बिकने वाले खाद्य पदार्थ की आकस्मिक जांच की जाए। जहां सीवरेज और पीने के पानी के कनेक्शन टूटे हुए हैं वहां सुधार जल्द कराया जाए। खुले नालों की सफाई कराई जाए।
पानी की खराबी ही प्रमुख वजह सामने आ रही
पूरे मामले में पानी की खराबी ही प्रमुख वजह बनकर सामने आई है, लेकिन इसे अफसर स्वीकार नहीं रहे हैं। पिछले दिनों ने आयुक्त ने भी पानी की रिपोर्ट नार्मल आने की बात कही थी, लेकिन कुछ वार्डों में पानी गंदा ही वितरीत हो रहा था। इसकी खुद पार्षद काफी दिनों से नगर निगम आयुक्त को शिकायत कर रहे थे। साथ ही पाइप लाइन बिछाने के दौरान मशीनों से हुई खुदाई की वजह से नलों में गंदा पानी आने की शिकायत भी पार्षदों ने की थी। वहीं बताया जा रहा है कि पहले चार वार्डों की पानी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। बाद में तीन वार्ड में स्थित सुधर गई। सेकंड जांच में एक वार्ड में रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।
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