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ग्राहक ने की शिकायत, थाना प्रभारी ने खाद्य विभाग के सुपुर्द किया मामला, दुकानदार ने किया लापरवाही से इनकार
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ग्राहक बोला पहले भी दहीबड़ा में निकले थे मच्छर, अब कचौरी में ईल्ली निकली
बुरहानपुर। बेटी के लिए खरीदी कचौरी में ईल्ली निकलने के बाद बेटी की तबीयत बिगड़ गई। इस पर पिता वापस दुकानदार के पहुंचा। शिकायत की, लेकिन बात नहीं बनी तो शिकायत लेकर थाने जा पहुंचा। मामला शहर के
इकबाल चौक स्थित मदीना होटल का है। जहां संचालक पर एक ग्राहक ने दुकान से खरीदी कचोरी में ईल्ली निकलने का आरोप लगाया है। वहीं दुकानदार ने इस बात से इनकार किया है। इधर, शिकायतकर्ता थाने पहुंचा और थाना प्रभारी सीताराम सोलंकी को स्थिति से अवगत कराया। थाना प्रभारी ने खाद्य विभाग को मामले की जांच करने को कहा है।
स्कूल से मार्केट आया, बेटी ने जिद की तो दिलाई कचौरी
शिकायतकर्ता रफीक रजा ने कहा- गुरूवार दोपहर में अपनी बच्ची को स्कूल से लेकर मार्केट आया। यहां बच्ची ने कहा कचोरी दिलाओ। मैंने इकबाल चौक स्थित मदीना होटल से कचोरी ली। बच्ची ने उसे आधा खा लिया तब देखा कि कचोरी में दो ईल्ली है। वापस दुकानदार को आकर शिकायत की, लेकिन उन्होंने मानने से इनकार किया। रफीक ने कहा इससे पहले भी दहीबड़ा में दो मच्छर निकले थे, लेकिन तब हमने शिकायत नहीं की थी। बच्ची ने जब से कचोरी खाई तब से पेट दर्द हो रहा है। इसकी शिकायत कोतवाली थाने पहुंचकर थाना प्रभारी सीताराम सोलंकी को की। थाना प्रभारी ने खाद्य विभाग से चर्चा कर मामले की जांच करने को कहा। वहीं बच्ची को अस्पताल भेजा गया।
दुकानदार ने किया इनकार- कहा, तलने के बाद ईल्ली निकल ही नहीं सकती
इसे लेकर मदीना होटल संचालक हाजी बशीर बेग ने कहा कचोरी गर्म होने पर ईल्ली निकलना नहीं चाहिए। गर्म होने के बाद निकलती ही नहीं है। आप दूसरी कचोरी देख लें। तलने के बाद ईल्ली नहीं निकलती। वह झूठा इल्जाम लगाने की कोशिश कर रहा है। हम भी कोर्ट जाएंगे।
थाना प्रभारी बोले-मामला खाद्य विभाग के सुपुर्द किया
कोतवाली थाना प्रभारी सीताराम सोलंकी ने कहा-रफीक नामक व्यक्ति ने शिकायत की है कि मदीना होटल से बच्ची को कचोरी खिलाई उससे उसकी तबीयत खराब हो गई। बच्ची को ईलाज के लिए भेजा है। खाद्य विभाग को जांच के लिए कहा गया है।
और इधर………।
केवल त्योहारों के समय ही जागता है खाद्य औषधि प्रशासन विभाग
शहर में खाद्य पदार्थों की जांच केवल त्योहारों के समय ही की जाती है। वह भी वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश मिलने पर ही कार्रवाई की जाती है। इससे पहले विभाग होटल, ढाबों, रेस्टारेंट, दूध डेयरी सहित अन्य कईं खाद्य पदार्थ बेचने वाली दुकानों पर जांच के लिए नहीं पहुंचता। खास बात यह है कि यहां से सैंपल तो लिए जाते हैं, लेकिन कभी यह जानकारी सामने आती ही नहीं है कि सैंपल का क्या हुआ। वह फेल हुआ है या पास हुआ है इसकी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की जाती। कचौरी के मामले में फिलहाल खाद्य विभाग ने पुलिस के कहने पर जांच शुरू कर दी है।