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नगर निगम नोटिस देर भूला, लोग आपसी विवाद के चलते नहीं करते टूटे फूटे और जर्जर मकान खाली
बुरहानपुर। बारिश में पुरानी हवेलियां, जर्जर मकान आमजन के लिए जानलेवा साबित हो सकते है। इसे लेकर नगर निगम की अनदेखी हमेशा उजागर होती है। नगर निगम के जिम्मेदार केवल नोटिस देकर भूल जाते है। इसके बाद पलटकर नहीं देखा जाता। वहीं लोग आपसी विवादों के चलते जर्जर मकानों में ही रहते हैं या फिर जर्जर मकान है तो उसे तोड़ने की कोई प्रक्रिया विवादों के चलते नहीं की जाती। ऐसे में यह जानलेवा साबित होते हैं। गुरूवार को भी ऐसा ही हुआ। गनीमत रही कि केवल एक व्यक्ति को चोंटें आई है। लोहार मंडी क्षेत्र में हादसा होने पर परिवार के लोग बच गए जबकि एक घायल हो गया।
दरअसल शहर में करीब 112 मकान चिन्हित हैं जो किसी भी समय जानलेवा साबित हो सकते हैं। गुरूवार को शहर के लोहार मंडी क्षेत्र में सुबह करीब 8.30 बजे जर्जर दो मंजिला मकान का पिछला हिस्सा भरभरा कर गिर गया। गनीमत रही कि एक बड़ा हादसा टल गया, हालांकि मलबे में मकान मालिक अली अकबर नवलखा दब गए, जिन्हें शिक्षक आसिफ और अन्य रहवासियों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया। उन्हें सिर में मामूली चोट और पैर में फ्रेक्चर आया है। निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रहवासियों के मुताबिक मकान काफी जर्जर हो चुका था और नगर निगम की ओर से दो बार नोटिस भी जारी किए गए थे। हादसे के समय घर में परिवारर के अन्य लोग भी थे, लेकिन गनीमत रही कि अन्य किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। वहीं सूचना मिलने पर नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची। मौके पर पहुंचे नगर निगम कर्मचारियों ने कहा आपसी विवादों के कारण अधिकांश लोग जर्जर मकान नहीं तोड़ते जबकि नगर निगम की ओर से लगातार नोटिस जारी किए जाते हैं। सूचना मिलने पर नगर निगम की टीम मौके पर पहुंचे और अमले को काम पर लगा दिया गया। बताया जा रहा है कि मकान का अगला हिस्सा भी जर्जर है। एक महीने पहले भी नगर निगम की ओर से नोटिस जारी किया गया था।
रहवासियों की मदद से बाहर निकाला
लोहार मंडी क्षेत्र में जहां मकान ढहा वहां के रहवासियों ने तत्काल मदद के लिए हाथ बढ़ाए और मलबे में दबे व्यक्ति को तत्काल अस्पताल पहुंचाया। उसका एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। खास बात यह है कि नगर में कईं मकान ऐसे स्थानों पर हैं जहां संकरी गलियां है। नगर निगम की टीम वहां सिर्फ नोटिस देने ही जाती है। इसके बाद नगर निगम की ओर से भी लापरवाही बरती जाती है।
बारिश से पहले चिन्हित किए गए थे 112 मकान
नगर में करीब 112 मकान जर्जर अवस्था में हैं, जिन्हें नगर निगम ने बारिश के पहले ही चिन्हित किया था, लेकिन केवल चार ही मकान ढहाए गए थे। इधर मकान मालिकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जबकि इससे पहले भी कईं बार शहर में हादसे हो चुके हैं। कुछ जर्जर मकान शहर की संकरी गलियों में भी है। ऐसे में बड़े हादसे से भी इनकार नहीं किया जा सकता। कुछ हवेलियां हैं जो काफी पुरानी हो चुकी है उनके छज्जे रोड की तरफ लटक रहे हैं। नगर निगम की ओर से कईं बार नोटिस जारी किए जाते हैं, लेकिन बाद में मौके पर अफसर, कर्मचारी पहुँचकर जांच तक नहीं करते। खास बात यह है कि मई माह में जर्जर मकान गिरने से एक बच्ची की मौत भी हो चुकी है। जबकि कुछ लोग घायल भी हुए थे।
नोटिस जारी किए, अगर नहीं तोड़ते तो निगम तोड़ेगा
इसे लेकर नगर निगम अफसरों का कहना है कि चार बार जर्जर मकान मालिकों को नोटिस जारी किया जा चुका है। हर बार उनसे कहा जा रहा है कि जर्जर मकानों को तोड़ा जाए, लेकिन वह ध्यान नहीं दे रहे हैं। अब ऐसे मकानों को नगर पालिका खुद तोडे़गा और उनसे पूरी राशि भी वसूली जाएगी। यह राशि क्षेत्रफल के अनुसार वसूल की जाएगी।
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