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Friday, November 15, 2024
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खकनार क्षेत्र के साईखेड़ा कला में ज्वार की फसल की कटाई के बाद बचे डंठल खाने से 13 पशु बीमार, 5 की मौत 

  • खेत में एक के बाद एक गिरने लगे पशु, 8 पशुओं की जान पशुधन संजीवनी टीम ने बचाई

बुरहानपुर। जिले के डोईफोड़िया क्षेत्र के ग्राम साईंखेड़ा कला में ज्वार की फसल की कटाई के बाद बचे डंठल खाने से 5 पशुओं की मौत हो गई। 13 पशुओं ने डंठल खाए थे। 8 को बचा लिया गया। डंठल खाने के बाद कुछ ही देर में एक के बाद एक पशु खेत में गिरने लगे और देखते ही देखते पांच पशुओं की मौत हो गई। पशुपालक विजय काजले ने 1962 पर पशुधन संजीवनी पर कॉल किया। एंबुलेंस मौके पर पहुंची और आठ पशुओं को तो ट्रीटमेंट कर बचा लिया गया, लेकिन पांच पशुओं की पहले ही मौत हो गई थी। इसमें विजय काले नामक व्यक्ति की दो भैंसें और तोताराम बुचा के तीन पशु शामिल हैं।
पशु चिकित्सकों के अनुसार ज्वार फसल की कटाई होने के बाद डंठल में धीरे धीरे पॉइजन आने लगता है। यही वजह है कि जब पशुओं ने डंठल खाए तो वह एक के बाद एक खेत में ही गिरने लगे और देखते ही देखते पांच पशुओं की मौत हो गई।
यह है पूरा मामला
डोईफोड़िया क्षेत्र के ग्राम साईंखेड़ा कला में शनिवार को पशु पालक तोताराम बुचा के 3 पशुओं की मौत हो गई। पशु पालक तोताराम बुचा निवासी साईंखेड़ा कला हर दिन की तरह शनिवार सुबह भी अपने पशुओं को चराने के लिए निकला। वह नवल सूर्य के खेत में पहुंचा। दोपहर करीब करीब 2 बजे पशुओं ने खेत में ज्वार की कट चुकी फसल के डंठल खाए और करीब एक घंटे बाद अचानक एक के बाद एक पशु जमीन पर गिरने लगे। यह देखकर पशुपालक हैरान रह गया। किसान के अनुसार खेत में ज्वार की फसल लगी थी जिसकी कटाई हो चुकी है। ज्वार की फसल के बाद करीब एक फिट डंठल रह जाता है जो करीब 15 से 20 दिन बाद फिर से हरा हो जाता है। यही डंठल पशुओं ने खाए और कुछ घंटे बाद एक एक कर गिरकर मरने लगे। जिन पशुओं की मौत हुई उसमें एक गाय, दो बछड़े, दो भैंसें शामिल है। कुल 13 पशुओं ने डंठल खाए थे।
पशुधन संजीवनी एंबुलेंस टीम पहुंची
पशुपालकों ने इसकी सूचना 1962 पशुधन संजीवनी एंबुलेंस को की। सूचना मिलने पर पशुधन संजीवनी एंबुलेंस की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने बीमार पशुओं का उपचार किया। 13 में से 5 पशुओं की मौत हो चुकी थी, लेकिन 8 को ट्रीटमेंट कर बचा लिया गया। टीम में पशु चिकित्सक अश्विन चौहान, डॉ. आशीष गोयल शामिल थे। उन्होंने बताया चारा खाने से कुल 13 पशु बीमार हुए थे। आठ को उपचार कर बचा लिया गया। पांच पशुओं की मौत हो गई। एक गाय का उपचार चल रहा है।
पशु चिकित्स बोले- एक बार फसल कटने पर दूसरी बार आ जाता है पौधे में पॉइजन
मामले में पशु चिकित्सकों का कहना है कि एक बार फसल कटने के बाद दूसरी बार डंठल बढ़ने पर उसमें पॉइजन आने लगता है। अकसर पशु उसे खाकर बीमार हो जाते हैं। गनीमत रही कि समय पर सूचना मिल गई जिसके बाद आठ बीमार पशुओं का उपचार कर उनकी जान बचा ली गई।

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