बुरहानपुर। मंडी में अफरा तफरी मची है। एक दिन पहले गंदगी के कारण व्यापारियों ने आक्रोश जताया था। किसान भी हताश और निराश होकर मंडी से वापस लौट गए थे। हड़ताल के कारण मंगलवार को भी मंडी बंद रही।
दरअसल अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंडी अफसर, कर्मचारी 16 सितंबर से काली पट्टी बांधकर काम कर रहे थे। 18 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हुई है जिसके कारण मंडियों में अव्यवस्था फैल गई है। न तो साफ सफाई हो रही है न ही किसानों की उपज की बिक्री हो पा रही है। ऐसे में किसान खासे परेशान हो रहे हैं। एक दिन पहले कुछ किसान यहां टमाटर और आलू खराब होने पर फेंक गए थे।
इसे लेकर संयुक्त संघर्ष मोर्चा भोपाल के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने कहा-संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा मंडी बोर्ड की विभिन्न मांगों पर कार्रवाई न होने के कारण प्रदेश की 259 मंडियों और 298 उपमंडियों में आंदोलन किया जा रहा है। मुख्य मांग आमेलन के अलावा मंडी बोर्ड में पिछले 20 सालों से सेवाएं दे रहे स्थाई कर्मियों को नियमित किए जाने की मांग की है। इसके अलावा मंडी बोर्ड की सेवा में कार्यरत सचिवए सहायक उप निरीक्षक का पद नाम बदलकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी उप निरीक्षक किए जाने, लेखापाल तृतीय के पद समाप्त कर लेखा पाल प्रथमए द्वितीय किए जाने, मंडी बोर्ड में शामिल सहायक वर्ग एक के पद नाम परिवर्तन कर सहायक अनुभाग अधिकारी करने, परामर्श दात्री समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार कार्रवाई करने आदि की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि सीएम ने आमेलन की घोषणा की थी, लेकिन अफसर इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
मंगलवार को मंडी सचिव शर्मिला निनामा सहित अन्य अफसर, कर्मचारियों ने नारेबाजी कर मांगों के निराकरण की मांग की। इस दौरान लेखापाल जयश्री रामटेक, सुनील पाटिल, मनीष गंगराड़े, कैलाश निगम, माया देवी चौहान, पिंकी खन्ना, दिनेश सोनी, शेख मोहम्मद, संतोष दलाल, अनिल पाटिल, अशोक पाटिल, ठाकुर अरविंद सिंह सहित अन्य मौजूद थे।