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राजस्व न्यायालय में पारित आदेश की सत्यापित प्रति पोर्टल पर अपलोड हो, अधिवक्ता संघ ने सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन
बुरहानपुर। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की कोर्ट हो या फिर तहसीलदार या नायब तहसीलदार की कोर्ट हो। यदि इस न्यायालय में किसी भी राजस्व प्रकरण में कोई आदेश पारित होता है तो उस न्यायालय के रीडर द्वारा पारित आदेश को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जा रहा है ऐसे में वकीलों को आदेशों की प्रमाणित प्रति ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से प्राप्त नहीं हो पा रही है। इस दिशा में तहसीलदार, एसडीएम से चर्चा करने के बाद भी अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हुआ है। इसलिए कलेक्टर को इस दिशा में उचित निर्देश देने होंगे।
यह बात जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष यूनुस पटेल, सचिव संतोष देवताले ने शुक्रवार शाम कलेक्टर भव्या मित्तल से कही। अधिवक्ता संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। वकीलों ने कहा- मध्य प्रदेश के सभी जिले और तहसील में उसकी प्रमाणित प्रति आसानी से प्राप्त हो रही है, लेकिन बुरहानपुर एकमात्र ऐसा जिला है। जहां तहसीलदार नायब तहसीलदार और एसडीएम कोर्ट के आदेश पोर्टल पर अपलोड नहीं हो रहे हैं।
वकीलों को हो रही असुविधा, शासन का भी नुकसान- देवताले
संघ के सचिव देवताले ने कहा कि वकीलों को हो रही असुविधा के साथ-साथ शासन का भी इसमें आर्थिक नुकसान हो रहा है, क्योंकि सर्टिफाइड कॉपी ऑनलाइन से लेने में निर्धारित फीस का भुगतान करना होता है जो सीधे शासन को प्राप्त होता है। शासन द्वारा आरसीएमएस पोर्टल पर ऑनलाइन आदेश की सर्टिफाइड कॉपी निकाले जाने के लिए सुविधा काफी पहले उपलब्ध कराई जा चुकी है। इसके बावजूद बुरहानपुर में राजस्व न्यायालय में यह सुविधा को प्रारंभ नहीं किया जा रहा है। अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी द्वारा अन्य विषयों पर भी कलेक्टर से विस्तार से चर्चा की गई।
यह रहे मौजूद-
– अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष शब्बीर रावलपिंडीवाला, सहसचिव हर्षल विस्पूते, लाइब्रेरियन संदीप शाह, कार्यकारिणी सदस्य दिनकर इंगले, कोषाध्यक्ष अनिल बिल्लोरे, वरिष्ठ अधिवक्ता फरीद खान आदि मौजूद थे।