34.5 C
Burhānpur
Saturday, June 7, 2025
34.5 C
Burhānpur
spot_img
Homeबुरहानपुरकक्षा 5वीं और आठवीं के हजारों विद्यार्थियों की मार्कशीट अटकी- 50 से...
Burhānpur
scattered clouds
34.5 ° C
34.5 °
34.5 °
28 %
2.5kmh
28 %
Fri
34 °
Sat
40 °
Sun
41 °
Mon
40 °
Tue
41 °
spot_img

कक्षा 5वीं और आठवीं के हजारों विद्यार्थियों की मार्कशीट अटकी- 50 से ज्यादा निजी स्कूलें नहीं ले जा रही मार्कशीट

  • सरकारी स्कूलों की भी देरी से बंटी, निजी स्कूलों को पोर्टल पर शुल्क जमा कर मिलती है मार्कशीट

बुरहानपुर। जिले की निजी स्कूलें कक्षा पांचवीं और आठवीं की मार्कशीट ले जाकर विद्यार्थियों को बांटने में पिछले दो माह से कोताही बरत रही है। इसके कारण हजारों विद्यार्थियों अब तक उनकी ओरिजनल मार्कशीट हाथ में ही नहीं आई है। 2023-24 में विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, लेकिन अब 50 से अधिक निजी स्कूल के विद्यार्थियों को मार्कशीट नहीं मिली।
शिक्षा विभाग के अनुसार सरकारी स्कूलों में कक्षा पांचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों को मार्कशीट निःशुल्क दी जाती है जबकि निजी स्कूलों को इसके लिए निर्धारित शुल्क शिक्षा विभाग के पोर्ट पर जमा करना होता है। इसकी स्लिप लाकर जनपद शिक्षा केंद्र को दिखाना पड़ती है। तब यहां से संबधित स्कूल संचालकों को मार्कशीट दे देती जाती है, लेकिन करीब 50 से अधिक निजी स्कूलें अब तक यह मार्कशीट लेकर ही नहीं गई है। शिक्षा अफसरों का कहना है कि जनशिक्षकों के माध्यम से कईं बार स्कूलों को सूचित किया जा चुका है, लेकिन फिर भी अब तक मार्कशीट लेने अधिकांश स्कूल संचालक नहीं आए।
पहले ही देरी से आई मार्कशीट
राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से पहले ही मार्कशीट करीब 6 माह बाद भेजी है जबकि दो माह से यह बीआरसी कार्यालय में रखी है। धीरे धीरे वितरण हो रहा है, लेकिन अब भी करीब 50 से अधिक स्कूलें बाकी है। खास बात यह है कि शिक्षा विभाग के पोर्टल पर यह जानकारी दिख जाती है कि किस स्कूल ने फीस भरी किसने नहीं भरी, लेकिन इसके बाद भी बीआरसी कार्यालय की ओर से लापरवाही भी बरती जा रही है। फीस नहीं भरने वाली स्कूलों से अब तक फीस भी नहीं भरवाई गई। जबकि आनलाइन स्टेट्स चेक कर स्कूलों को जानकारी भेजी जा सकती है।
अब जानिए क्या क्या आ रही परेशानी
प्रिंट और प्रमाणीकरण में परेशानी भुगत रहे परिजन
प्रिंट- राज्य शिक्षा केंद्र ने अप्रैल में घोषित हुए रिजल्ट में मार्कशीट की हार्ड कॉपी जारी करने के बजाय साफ्ट कॉपी पीडीएफ फॉर्मेट में पोर्टल पर डाल दी थी। जिसका प्रिंट लेने परिजनों को बाजार में 50 रुपए तक खर्च करना पडे। स्कूल से भी अच्छे कागज पर प्रिंट लेने के लिए इतना ही शुल्क देना पड़ता है।
प्रमाणीकरण- बाजार से मार्कशीट का प्रिंट लेने के बाद भी छात्र को स्कूल के हैडमास्टर से उसका प्रमाणीकरण कराना जरूरी है। ऐसे में हैडमास्टर की व्यस्तता के कारण प्रमाणीकरण के लिए अभिभावकों को चक्कर लगाना पड़ रहे। निजी स्कूलों ने इस अधिकार का उपयोग पुरानी फीस की वसूली के लिए किया।
करेक्शन में लगता है समय- रिजल्ट घोषित होते ही स्कूलों को ऑनलाइन रिजल्ट मिलता है। उसमें बहुत ज्यादा गलतियां बच्चों और उनके पिता के नाम के साथ जन्मतिथि में होती हैं। स्कूल इन्हें करेक्ट कर ऊपर भेजते हैं। करेक्शन में काफी समय लगता है।
इन स्कूलों ने नहीं ली मार्कशीट
यूनिक पब्लिक स्कूल 100 से अधिक, निमाड़ वैली इंटरनेशनल स्कूल 50, लालबाग हाईस्कूल 20, सरस्वती ज्ञान मंदिर बोरी 50, अंजुमन मदरसा 30, अल हबीब मदरसा 30, अबु अय्युब स्कूल 50 से अधिक बच्चों की मार्कशीट बीआरसी कार्यालय में पड़ी।जबकि जिले की 50 से अधिक निजी स्कूलों ने अब तक मार्कशीट नहीं ली।
वर्जन-
50 निजी स्कूलों ने नहीं ली मार्कशीट
जिले की करीब 50 निजी स्कूलों ने अब तक मार्कशीट नहीं ली। कक्षा 5वीं और आठवी बोर्ड परीक्षा की मार्कशीट के लिए नियम है। निजी स्कूल को पोर्टल पर शुल्क जमा करना पड़ता है। स्लिप लेकर आते हैं तो अंकसूची देते है। सरकारी को स्कूल फ्री में मार्कशीट दी जाती है।
-दीपक डोले बीएसी, बुरहानपुर
…..

spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img