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पथ संचलन- संघ के स्वयंसेवकों ने कदमताल से दिखाया अनुशासन

  • संघ के 99 वर्ष पूरे, 100वें वर्ष में हर गांव में शाखा पहुंचाना लक्ष्य- मुख्य वक्ता अभिषेक हिरवे

बुरहानपुर। रविवार को राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ द्वारा गुरू गोविन्द उपनगर में पथ-संचलन का आयोजन किया गया। पथ संचलन की शुरुआत उपनगर की छ: बस्ती शाखा मैदान परिसर से हुई। इसके स्वयंसेवकों का छ: बस्तीयो का एकत्रीकरण झुलेलाल बस्ती (सिंधीबस्ती) में प्रातः 9:30 बजे हुआ।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्यअतिथि नगर संघचालक डॉ. राजेन्द्र सिंघाल व नगर प्रचारक अभिषेक हिरवे, उपनगर कार्यवाह प्रविण झुंझारकर ने शस्त्र पूजन किया। पथ संचलन का नगर बस्तियों में जगह-जगह नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। इस दौरान भारत माता की जय, वंदे मातरम उद्घोष से वातावरण राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत हो गया।
शस्त्र पूजन किया पश्चात् अमृत वचन,एकल गीत नगर प्रचारक अभिषेक हिरवे द्वारा बौद्धिक दिया गया। जिसमें बताया गया कि संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश: कर रहा है। संघ की स्थापना 1925 में हुई थी। आज के दिन संघ अपने कार्य के सौ वर्ष में पदार्पण कर रहा है। हिंदू समाज के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि हमारी संस्कृति, हमारे संस्कार समाज की आगे की पीढ़ी में जाने चाहिए। हमारे महापुरुषों ने बड़े संघर्ष किए है जिसकी वजह से आज हमारी ताक़त दुनिया देख रही है। उनके योगदान को याद करना इसलिए जरूरी है कि इन लोगों ने देश, समाज और संस्कृति के हित में काम किया है। संघ के 99 वर्ष पूरे हुए 100 वर्ष में हर गांव में शाखा पहुचना लक्ष्य है।
पंच परिवर्तन अभियान
आरएसएस का शताब्दी वर्ष शुरू : इस वर्ष से ही आरएसएस का शताब्दी वर्ष शुरू हो रहा है। इसमें पंच परिवर्तन अभियान संघ ने शुरू किया है। इस अभियान के पांच बिंदुओं में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण प्रबंधन, स्वदेशी जीवनशैली, पांचवां नागरिक अनुशासन। संघ के स्वयंसेवक समाज के प्रत्येक क्षेत्र में देश के कोने कोने में विपत्ति में सभी लोगों की मदद करते हैं। इस कार्य को स्वयंसेवक बिना किसी दबाव के स्वयं प्रेरणा से करते हैं। देश में किसी भी प्रकार की विपत्ति आई हो सेवा करने में स्वयंसेवक सबसे आगे खड़ा रहा।
सनातन हिंदू संस्कृति विश्व कल्याण की बात करती है
यदि दुनिया और समाज में शांति स्थापित करनी है तो उसके लिए सज्जन लोगों का शक्ति संपन्न होना अति आवश्यक है। सनातन हिंदू संस्कृति ही सर्वे भवन्तु सुखिन: की कामना मन में लेकर विश्व कल्याण की बात करती है। अपने संबोधन हिरवे ने कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद समेत अन्य देश विरोधी ताकतों से निपटने के लिए समाज को हमेशा तत्पर रहने का संदेश दिय। साथ ही शस्त्र पूजन का महत्व भी बताया।
उपनगर पथ संचलन में छ: बस्तियों 350 से ज्यादा स्वयंसेवक संचलन में भाग लेने पहुँचे। अलग-अलग स्थानों, मार्ग पर कदम से कदम मिलाकर एकता, अनुशासन और सकारात्मकता का परिचय दिया। कहीं रहवासियों ने स्वयंसेवकों का रंगोली बनाकर स्वागत किया तो कहीं पुष्पवर्षा कर अभिनंदन किया।

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