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नगर पालिका अध्यक्ष का खुला संरक्षण, लोगों ने कहा यह ठीक नहीं, शहर में पहले से ही है जल संकट
बुरहानपुर। नेपानगर के लोग पहले से ही जल संकट भोग रहे हैं इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे लोगों में आक्रोश भी है। दरअसल गुरूवार सुबह एक रेत कारोबारी पार्षद पति के यहां रेत के ढेर की सफाई के लिए नगर पालिका के टैंकर का उपयोग किया गया। खास बात यह है कि टैंकर भेजने के लिए नपाध्यक्ष प्रतिनिधि ने खुद वाहन चालक को फोन किया। वाहन चालक ने मीडिया के सामने बयान दिया कि मैंने आगे पीछे होने लगा तो अध्यक्ष पति ने कहा मैं अध्यक्ष हूं। सब संभाल लूंगा। जल प्रभारी से शिकायत की गई तो उन्होंने कहा अध्यक्ष पति से कहो कि सीएमओ साहब से बात करें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कर्मचारी को पानी का टैंकर ले जाना पड़ा और जहां एक तरफ शहर के लोग जल संकट से जुझ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर एक वार्ड में टेंकर से रेत की धुलाई होती नजर आई।
दरअसल पार्षद का बेटा रेत का कारोबारी है। उसे नपाध्यक्ष प्रतिनिधि का संरक्षण है। यह संरक्षण आमजन की समस्याओं से भी बड़ा है, लेकिन इसका नगर में गुरूवार को खासा विरोध हुआ। लोगों ने कहा जनप्रतिनिधियों को अपने रवैये में सुधार लाना चाहिए।
रेत साफ करने के लिए पूरा टैंकर किया खाली
नगर के एक वार्ड में रेत साफ करने के लिए पूरा टैंकर खाली कर दिया गया। दरअसल रेत निकालने के बाद उसमें मिट्टी चिपकी रहती है इसे साफ करने के लिए यह सब किया गया, लेकिन शहर के लोगों की समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया गया।
जल संकट से जूझ रहे नगर के लोग
नेपानगर शहर के लोग इन दिनों जल संकट से जूझ रहे हैं। नेपा मिल के नावथा स्थित हैड वर्क्स में पिछले दिनों खराबी आने के कारण कुछ दिन एक दिन के अंतराल में नगर में जल वितरण हुआ था। बाद में व्यवस्था दुरूस्त हो गई, लेकिन जल संकट अभी भी बरकरार है, क्योंकि कुछ वार्डों में नेपा मिल और कुछ में नपा की ओर से जल वितरण किया जाता है। कईं जगह टैंकरों के माध्यम से जल वितरण होता है। भीषण गर्मी के इस दौर में पानी की आवश्यकता अधिक है, लेकिन पूर्ति नहीं हो पा रही है।
अब तक ठंडे बस्ते में है पेयजल परियोजना
करीब 34 करोड़ की लागत से नगर में पेयजल परियोजना का काम हुआ है, लेकिन यह योजना अब तक ठंडे बस्ते में पड़ी है। इसके तहत हर घ्ज्ञर में नल के माध्यम से पानी पहुंचना है, लेकिन इसका काम कराने वाली निजी कंपनी ने अब तक पानी की टेस्टिंग नहीं कराई है। यही वजह है कि इस साल भी इस भीषण गर्मी में नगर के लोगों को जल संकट झेलना पड़ रहा है।
गुमराह कर रही कंपनी, टेस्टिंग में देरी
निजी कंपनी द्वारा न सिर्फ स्थानीय निकाय बल्कि जिला प्रशासन के अफसरों को भी गुमराह किया जा रहा है। हर बार तारीख दी जाती है कि पानी की टेस्टिंग करा ली जाएगी, लेकिन टेस्टिंग नहीं कराई जाती। ऐसे में नगर का जल संकट दूर नहीं हो पा रहा है। एक बार नगरीय प्रशासन के अफसर भी यहां आकर कंपनी अफसरों से योजना चालू करने का कहकर गए थे, लेकिन उनके निर्देश भी हवा हो गए।
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