-
पिछले सीजन में बोई गई फसल के अवशेष छूटने से नुकसान
-
बदलते मौसम के कारण फसलों पर पड़ रहा है असर
बुरहानपुर।कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की टीम ने एक दिन पहले ग्राम बहादरपुर में एक किसान के खेत में निरीक्षण किया। किसान ने शिकायत की थी कि कृषि विभाग से जो बीज दिया गया था उसमें कमी है, लेकिन जांच में पाया गया कि पिछले सीजन में बोई गई फसल के अवशेष छूटने के कारण किसान को नुकसान हुआ है।
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ कार्तिकेय सिंह ने बताया ग्राम बहादरपुर में वैज्ञानिकों द्वारा किसान हीरालाल के खेत का भ्रमण किया गया। वर्तमान में खेत में गेहूं लगा हुआ है जिसका एरिया 3 एकड़ है। फसल में मृदा जनित बीमारियों के कारण 5 से 10 प्रतिशत तक फसल का नुकसान हो गया है। किसान की शिकायत पर वैज्ञानिक कार्तिकेय सिंह, भूपेंद्र सिंह, संदीप कुमार सिंह ने भ्रमण कर समझाईश दी। उन्होंने बताया किसान की शिकायत थी कि गेहूं का बीज कृषि विभाग द्वारा मिला है। इस बीच में ही किसी ना किसी प्रकार की कमी है, लेकिन मौके पर निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि खेत में पिछले सीजन में सोयाबीन की खेती की गई थी जिसका पूरा अवशेष खेत में ही छोड़ दिया गया था। इसके कारण पूरे खेत में दीमक का प्रभाव है। दीमक के कारण ही गेहूं की फसल में नुकसान दिखाई दे रहा है। टीम ने निरीक्षण कर कहा करीब 5 से 10 परसेंट तक उत्पादन में कमी आने की संभावना है।
लगातार किया जा रहा खेतों का भ्रमण
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा इन दिनों लगातार खेतों का भ्रमण किया जा रहा है। साथ ही किसानों को समझाईश दी जा रही है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से मौसम में बदलाव के कारण चना, तुअर आदि फसलों को लेकर किसान खासे चिंतित हैं। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों से अपील की जा रही है कि वह खेतों में आवश्यक सावधानी बरतें। समय रहते बीमारी के प्रकोप से आसानी से बचा जा सकता है।
वर्जन-
लगातार किया जाएगा भ्रमण
* अभी मौसम लगातार बदल रहा है। ठंड ज्यादा नहीं पड़ रही है इसलिए चना, तुअर फसल पर संकट है। गेहूं पर कोई नुकसान नहीं है। टीम द्वारा लगातार खेतों का भ्रमण किया जाएगा।
-डॉ.कार्तिकेय सिंह, कृषि वैज्ञानिक बुरहानपुर।