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भीम आर्मी ने प्रतिमा के लिए किया श्रमदान
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उपनगर लालबाग में संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा का काम चालू नहीं हुआ
बुरहानपुर। उपनगर लालबाग सागर टॉवर के पास लंबे समय से संविधान निर्माता डॉ बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित किया जाना प्रस्तावित है, लेकिन भीम आर्मी और बौद्ध समाजजन का कहना है कि अब तक नगर निगम ने टेंडर सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी नहीं की है। इसलिए अब यहां हर दिन समाजजन श्रमदान करने पहुंगे। रविवार को भी समाजजन ने श्रमदान कर काम शुरू किया।
दरअसल नगर निगम आयुक्त ने पिछले दिनों आमरण अनशन पर बैठे समाजजन को आश्वासन दिया था कि 20 फरवरी तक नए टेंडर कर काम चालू करा दिया जाएगा, लेकिन काम चालू नहीं होने पर दो दिन पहले भीम आर्मी के नेता, कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय और नगर निगम में गेती, फावड़ा, तगारी लेकर पहुंचे थे। साथ ही मांग की थी कि हमें श्रमदान की अनुमति दी जाए। रविवार को भीम आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दत्तु मेढ़े सहित अन्य लोग लालबाग पहुंचे और श्रमदान किया।
निगम इंजीनियर भी मौके पर पहुंचे
दत्तु मेढ़े ने बताया नगर निगम द्वारा मूर्ति का काम चालू नहीं कराया गया है इसलिए हमने खुद यहां श्रमदान करने पहुंचे हैं। निगम इंजीनियर ने मौके पर पहुंचकर स्थान बताया। हम यहां रोज एक घंटे श्रमदान करेंगे। पहले दिन साफ सफाई की गई। उन्होंने कहा अगर नगर निगम द्वारा टेंडर जारी कर मूर्ति नहीं लगाई जाती तो समाज खुद यह पहल भी करेगा।
पिछले दिनों किया था आमरण अनशन
पिछले दिनों लालबाग क्षेत्र की एक महिला पार्षद ने यहां आमरण अनशन किया था। तब नगर निगम आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने आश्वासन दिया था कि 20 फरवरी तक नए टेंडर जारी कर काम चालू कराया जाएगा। पुराना टेंडर निरस्त कर दिया गया था। फिर भी काम चालू नहीं होने पर समाजजन ने श्रमदान का रास्ता अपनाया।
2017 में प्रस्ताव हुआ था पारित
उप नगर लालबाग में प्रतिमा स्थापित करने के लिए पहला प्रस्ताव 26 जुलाई 2017 को पूर्व महापौर अनिल भोंसले और पूर्व निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला ने पारित किया था जिसमें कहा गया था कि सागर टॉवर पर डॉ बाबा साहब अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा स्थापित होगी। 14 मई 22 को प्रभात इंटरप्राइजेस ग्वालियर को इसका टेंडर दिया गया, लेकिन वर्क आर्डर जारी नहीं किया गया। 21 अक्टूबर 22 को फिर नगर पालिक निगम एमआईसी की बैठक में भी प्रस्ताव पारित हुआ। 11 अक्टूबर 23 को भी सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित और टेंडर 20 फरवरी 23 को निकाला गया जो प्रभात इंटरप्राइजेस ग्वालियर को ही दिया गया, लेकिन फिर भी वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया गया। जिससे बौद्ध समाज, भीम सैनिक, अनुयायियों में आक्रोश था और वह अनशन पर बैठ गए थे। आयुक्त की समझाईश के बाद उन्होने अपना अनशन खत्म कर दिया था, लेकिन 20 फरवरी की तारीख निकलने के बाद अब फिर समाजजन ने यह मुद्दा उठाया है।