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Tuesday, February 25, 2025
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संघ के स्वयंसेवकों ने पथ संचलन में दिखाया अनुशासन, शताब्दी वर्ष में हर गांव में शाखा पहुंचाना लक्ष्य -दुबे

  • आरएसएस का अंबाडा मंडल में निकला भव्य पथ संचलन

बुरहानपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा रविवार को अंबाडा मंडल में भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। यह संचलन शाखा मैदान परिसर से प्रारंभ होकर ग्राम के मुख्य मार्गों से गुजरा, जहां नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। इस दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के उद्घोष से पूरा वातावरण राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत हो गया।
पथ संचलन से पहले कार्यक्रम के अध्यक्ष राजू काटे, जिला कार्यवाह गजानन दुबे, बौद्धिक प्रमुख प्रमोद महाजन, मंडल कार्यवाह गौरव पाटिल, तुषार महाजन ने शस्त्र पूजन किया। इसके पश्चात गजानन दुबे ने ‘अमृत वचन’ और एकल गीत के माध्यम से बौद्धिक संबोधन दिया। उन्होंने संघ की विचारधारा, समाज सेवा के महत्व और संगठन की भूमिका पर प्रकाश डाला।
संघ के 100 वर्ष पूरे होने का लक्ष्य
मुख्य वक्ता गजानन दुबे ने कहा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है। 1925 में स्थापित संघ अब 100 वर्षों की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज की संस्कृति, संस्कार और परंपराएं आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य संघ कर रहा है। महापुरुषों के संघर्ष और योगदान को याद कर देश, समाज और संस्कृति के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करना आवश्यक है। संघ का लक्ष्य है कि हर गांव में शाखा स्थापित की जाए।
पंच परिवर्तन अभियान का शुभारंभ
शताब्दी वर्ष के अवसर पर संघ ने पंच परिवर्तन अभियान शुरू किया है, जिसमें पाँच महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं।
1. सामाजिक समरसता: समाज में समरसता और समानता बनाए रखना संघ का प्रमुख उद्देश्य है।
2. परिवार प्रबोधन: परिवार के संस्कारों को मजबूत बनाना और पीढ़ी दर पीढ़ी मूल्यों को संरक्षित रखना।
3. पर्यावरण प्रबंधन: पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देना।
4. स्वदेशी जीवनशैली: स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का प्रयास।
5. नागरिक अनुशासन: समाज में नैतिकता, अनुशासन और सद्भावना बनाए रखना।
संघ की सेवा भावना
गजानन दुबे ने बताया कि संघ के स्वयंसेवक किसी भी विपत्ति में सेवा कार्य में सबसे आगे रहते हैं। चाहे प्राकृतिक आपदा हो या कोई अन्य संकट, स्वयंसेवक निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करते हैं। कोरोना महामारी, बाढ़ राहत, भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में संघ के स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर सहायता की।
सनातन संस्कृति और विश्व कल्याण
उन्होंने कहा कि सनातन हिंदू संस्कृति ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की भावना के साथ विश्व कल्याण की बात करती है। समाज में शांति स्थापित करने के लिए सज्जनों को सशक्त बनना आवश्यक है। उन्होंने आतंकवाद, उग्रवाद और देशविरोधी गतिविधियों से सतर्क रहने का आह्वान किया और शस्त्र पूजन के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
अनुशासन, एकता और राष्ट्रसेवा का परिचय
इस अवसर पर अंबाडा मंडल के स्वयंसेवकों ने कदम से कदम मिलाकर अनुशासन, एकता और राष्ट्रसेवा का परिचय दिया। ग्रामीणों ने विभिन्न स्थानों पर रंगोली और पुष्पवर्षा से स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया। संघ का यह कार्यक्रम समाज को जागरूक करने और युवाओं में राष्ट्रभक्ति का संचार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख व्यक्ति
इस अवसर पर जिला कार्यवाह गजानन दुबे, बौद्धिक प्रमुख प्रमोद महाजन, मंडल कार्यवाह गौरव पाटिल, तुषार महाजन, राजू काटे सहित सैकड़ों स्वयंसेवक उपस्थित रहे। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने स्वयंसेवकों को समाज और राष्ट्रहित में कार्य करने की प्रेरणा दी।

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