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शिकायत को गंभीरता से नहीं ले रहे अफसर
बुरहानपुर। मंगलवार को जनसुनवाई में करीब 6 से अधिक गधा मालिक पहुंचे। उन्होंने शिकायत की कि हमारे गधे करीब पांच छह दिन से चोरी हो गए हैं। शिकायत सुनकर संयुक्त कलेक्टर अशोक कुमार जाधव ने उसे एसपी को फॉरवर्ड कर दिया। वहीं गधा मालिक अनिल प्रजापति ने कहा- हम जनसुनवाई में यह समस्या लेकर आए हैं कि हमारे गधे चोरी हो रहे हैं। हम रिपोर्ट लिखवाने सिटी कोतवाली थाने गए तो सिटी थाने वालों ने हमें कहा आप प्रतापपुरा के रहवासी हो। आपको शिकारपुरा थाना लगेगा। शिकारपुरा में गए तो शिकारपुरा थाने से कहा कि आपके गधे मार्केट से गए हैं आपको सिटी थाना लगेगा। हम परेशान हो रहे हैं। मेरे खुद के 4 गधे है। कुल 25 गधे चोरी हुए है। समस्या यह आ रही है कि हम बेरोजगार बैठे हैं। आठ दिन से। वह हैं तो हम हैं। वह नहीं तो हम नहीं। हम रेती, गिट्टी, मिट्टी आदि ढोने का काम करते हैं। छोटे मोटे काम करते हैं। एक गधे की कीमत 25 हजार रूपए हैं। जो गधे बचे हैं उन्हें अभी बांधकर रख रहे हैं। ज्यादा दूर चरने नहीं भेज रहे हैं।
शिकायत को गंभीरता से नहीं ले रहे अफसर
गधे चोरी की शिकायत को लेकर हम परेशान हो रहे है। अफसर शिकायत को गंभीरता से नहीं ले रहे है। गधे चोरी होने से हम बेरोजगार हो गए है। हमारी शिकायत दो थानों के बीच उलझ गई है। अब तक पीड़ितों की एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। गधा मालिक कोतवाली थाने पहुंचते हैं तो उन्हें शिकारपुरा थाने भेजा जाता है। शिकारपुरा जाते हैं तो उन्हें कोतवाली भेज दिया जाता है। इसकी वजह यह है कि जिन पीड़ितों के गधे चोरी हुए हैं वह प्रतापपुरा क्षेत्र के रहने वाले जो शिकारपुरा थाने में आता है। जबकि गधे शनवारा और बस स्टैंड क्षेत्र के आसपास से चोरी हुए हैं। यह क्षेत्र कोतवाली में आता है। इसलिए पुलिस न कोतवाली थाने में शिकायत लिख रही है न शिकारपुरा थाने में। अब संयुक्त कलेक्टर ने जनसुनवाई में शिकायत आने पर मामला एसपी को मार्क कर फॉरवर्ड कर दिया है।