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पीड़ित महिलाएं डीआरएम से शिकायत करने पहुंची, पहले भी कर चुकी हैं शिकायत
बुरहानपुर। रेलवे में अनुकंपा नियुक्ति दिलाने के नाम पर रूपए एठने का मामला सामने आया है। दो महिलाओं ने एक वेलफेयर इंस्पेक्टर पर यह आरोप लगाए हैं। दरअसल मध्य रेलवे भुसावल मंडल के वेलफेयर इंस्पेक्टर मनोज कुमार कनोजिया पर दो महिलाओं ने अपने बच्चों को नौकरी दिलाने के नाम पर रूपए ऐंठने के आरोप लगाए हैं। इसकी शिकायत लेकर बुधवार शाम महिलाएं बुरहानपुर स्टेशन पहुंची थी।
दरअसल बुधवार को भुसावल मंडल डीआरएम ईति पांडे बुरहानपुर आने वाली थीं, लेकिन बाद में वह खंडवा से होते हुए वापस भुसावल चली गई थीं, इसलिए महिलाएं उन्हें कल शिकायत नहीं कर पाई, हालांकि काफी समय से वह रेलवे भुसावल मंडल को इसकी शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन महिलाओं का कहना है कि उनसे ली गई रकम उन्हें अब तक वापस नहीं मिली।
बेटे को नौकरी दिलाने के नाम पर लिए थे 5 लाख 5 हजार रूपए
अपनी शिकायत में वंदना वसंत सूर्यवंशी ने कहा मेरे पति बुरहानपुर रेलवे स्टेशन पर कुली थे और उनके बाद मैं गैंगमैन में नियुक्त हो गई। इसके बाद मेरे पति की 6 अप्रैल 2014 को मृत्यु हो गई। मृत्यु के दो माह के बाद वेलफेयर इंस्पेक्टर मनोज कनोजिया आए और कहा मैं भुसावल रेलवे मंडल से आया हूं। उन्होंने मुझसे से दो तीन बार मुलाकात की और मुझसे कहा कि अधिकारियों को रूपए देना पड़ेंगे। यह कहकर 5 लाख 5 हजार रूपए 7 नवंबर 2020 में लिए, लेकिन आज तक मेरे बेटे को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली। उन्होंने कहा हमारी राशि हमें वापस दिलवाई जाए।
बेटे को खुद अफसरों से मिलकर नौकरी दिलवाई, पहले दे चुकी थी पैसा तब नहीं हुआ था काम
मंजूला तिवारी नामक महिला ने अपनी शिकायत में कहा मेरे पति स्व विनोद तिवारी खंडवा स्टेशन पर उद्घोषक के पद पर कार्यरत थे। 19 सितंबर 20 को कोरोना काल में उनकी मृत्यु हो गई। मैंने बेटे को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने के लिए वेलफेयर इंस्पेक्टर मनोज कुमार कनोजिया से संपर्क किया। तीन माह में नियुक्ति देने के लिए राशि की मांग की गई। मैंने परिवारवालों से उधार लेकर 1 लाख रूपए दिए थे। नियुक्ति में काफी विलंब हुआ। मैंने दूसरे ऑफिसर्स से चर्चा की और बाद में मेरे बेटे की जॉब लगी। जब वेलफेयर इंस्पेक्टर से राशि वापस मांगी गई तो उन्होंने 29 जुलाई 2023 को हर माह 10-10 हजार रूपए वापस करने की बात कही, लेकिन आज तक राशि नहीं लौटाई।
वर्जन-
कोई किसी पर भी आरोप लगा सकता है, यह वास्तविकता नहीं
– आरोप तो कोई किसी पर भी लगा सकता है। किसी के काम होते हैं किसी के नहीं होते। आरोप प्रत्यारोप लगाया है तो न्यायपालिका भी है। जो सच होगा वह सामने आएगा। न्याय पालिका बैठी है। आरोप पूरी तरह निराधार है।
– मनोज कुमार कनोजिया, तत्कालीन वेलफेयर इंस्पेक्टर