बुरहानपुर। जिले के नेपानगर थाना क्षेत्र से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है, जिसमें 16 साल से फरार हत्या के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी रामचंद्र पिता शिवनारायण जाति गौंड, जो खंडवा जिले के थाना किल्लोद का स्थायी वारंटी है, 47 वर्षीय निवासी ग्राम भवरदी, थाना छीपावड, जिला हरदा, नेपानगर में पकड़ा गया है।
नेपानगर थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल के अनुसार, 18 नवंबर को हेमलता धुर्वे (35 वर्ष), निवासी ग्राम बीड, ने थाने में एक लिखित शिकायत दी थी। इसमें उन्होंने सुरेश, ग्राम बीड के खिलाफ लड़ाई-झगड़े की सूचना दी। इस शिकायत के बाद सुरेश को तलब करने के लिए थाना नेपानगर से डायल 100 को भेजा गया था, लेकिन रात में वह फरार हो गया। दूसरे दिन फिर से डायल 100 को रवाना कर सुरेश को पकड़ने के लिए भेजा गया। इस बार उसे डायल 100 ने लाकर थाने में पेश किया।
बारीकी से पूछताछ में उगला सच
आवेदिका हेमलता ने पुलिस से बताया कि सुरेश ने उसे मर्डर करने की धमकी दी थी। मामले की गंभीरता को समझते हुए थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल ने सुरेश से बारीकी से पूछताछ की। पूछताछ में, आरोपी ने खुलासा किया कि वर्ष 2008 में ग्राम जुनापानी और भवरदी में खेती मजदूरी का काम कर रहा था। विवाद के चलते उसने हरदा जिले के विश्नोई नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी और मोटर साइकिल लेकर बैतुल और आकोला के रास्ते से भाग निकला। उसने अपना नाम बदलकर और एक नया आधार कार्ड बनवाकर ग्राम बीड, थाना नेपानगर, जिला बुरहानपुर में रहना शुरू कर दिया। आरोपी ने पूछताछ के दौरान कभी अपना नाम सुरेश पिता संतोष, कभी चंदर पिता शिवनारायण और कभी रामचंद्र बताया।
16 वर्ष पुराने फरारी स्थाई वारंटी की तामील
नेपानगर पुलिस ने खंडवा और हरदा के थानों से आरोपी के बारे में जानकारी हासिल की। उन्हें यह पता चला कि मामला थाना किल्लोद, जिला खंडवा में 2008 में दर्ज है, जिसमें आरोपी के खिलाफ धारा 302 (हत्या) और धारा 201 (अपराध के सबूत नष्ट करने) के तहत केस दर्ज हुआ था। वह 16 वर्षों से फरार था और एक स्थायी वारंटी था। थाना प्रभारी किल्लोद को सूचित किया गया और किल्लोद पुलिस ने रामचंद्र पिता शिवनारायण को गिरफ्तार कर अपने न्यायालय में पेश किया। आरोपी ने अपने 16 वर्ष पुराने फरारी स्थाई वारंटी की तामील पूरी की।
सराहनीय भूमिका
नेपानगर पुलिस द्वारा इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल, उपनिरीक्षक कलीराम मौर्य, सहायक उपनिरीक्षक सुनिल दुबे, सहायक उपनिरीक्षक जगदीश मंसूरे, और आरक्षक सुरेश गोयल शामिल थे।