बुरहानपुर। जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसमें 13 वर्षीय नाबालिग के साथ उसके ही पिता द्वारा किए गए दुष्कर्म के आरोप में विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) ने आरोपी को आजीवन कारावास और 3000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। इस प्रकरण में विशेष लोक अभियोजक/अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी रामलाल रंधावे द्वारा प्रभावी पैरवी की गई।
मामले का विवरण
विशेष लोक अभियोजक रामलाल रंधावे के अनुसार, नाबालिग पीड़िता ने 28 अप्रैल 2024 को थाना खकनार में अपनी पड़ोसी महिला के साथ पहुंचकर प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करवाई। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी मां, पिता द्वारा की जाने वाली मारपीट से परेशान होकर अपने मायके चली गई थी। इस कारण वह अपने दो छोटे भाइयों और आरोपी पिता के साथ घर में रह रही थी।
पीड़िता ने बताया कि मां के जाने के बाद से ही आरोपी पिता रात में उसके साथ दुष्कर्म करता था। घटना 24 अप्रैल 2024 की रात करीब 8 बजे की है, जब उसके दोनों छोटे भाई घर के बाहर सो रहे थे और आरोपी पिता घर के अंदर था। उस रात भी आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। लगातार होने वाले इस शोषण से तंग आकर पीड़िता ने अपनी पड़ोसी महिला को इस अमानवीय कृत्य की जानकारी दी।
पुलिस कार्रवाई और न्यायालय का निर्णय
पीड़िता की सूचना के आधार पर थाना खकनार में अपराध क्रमांक 312/24 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 376(2)(एन), 506 एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 5एल, 5एन और 6 के तहत मामला दर्ज किया गया। विवेचना पूर्ण होने के बाद अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बुरहानपुर ने उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी पिता को दोषी करार देते हुए धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास और 3000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
विशेष लोक अभियोजक की प्रभावी पैरवी
विशेष लोक अभियोजक रामलाल रंधावे ने इस मामले में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रभावी पैरवी की। उन्होंने बताया कि यह मामला समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है और ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी आवश्यक है, ताकि समाज में इस प्रकार के घृणित अपराधों की पुनरावृत्ति न हो।