बुरहानपुर। नेपानगर थाना पुलिस ने शुक्रवार को ग्राम पंचायत मांडवा में संबल योजना के तहत हुए 16 लाख रुपए के घोटाले के फरार आरोपी तत्कालीन उप सरपंच संजय उर्फ भाया जाधव को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, सरपंच तुलसीराम और सचिव सुनील पटेल अभी भी फरार हैं। पुलिस ने दावा किया है कि उनकी तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
घोटाले का खुलासा कैसे हुआ?
2023 में संबल योजना के तहत 8 अपात्र हितग्राहियों को पात्र दिखाकर अनुग्रह सहायता राशि दिलाई गई। योजना के नाम पर मृत व्यक्तियों की समग्र आईडी में छेड़छाड़ कर ई-संबल कार्ड जारी किए गए। 16 लाख रुपए की राशि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निकाली गई।
पुलिस की कार्रवाई
नेपानगर थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल के अनुसार, आरोपियों पर नेपा थाने में मामला दर्ज था। एफआईआर के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए थे। संजय जाधव को मांडवा से गिरफ्तार कर लिया गया है।
जांच में क्या पाया गया?
शिकायत मिलने पर कलेक्टर भव्या मित्तल ने मामले की जांच के आदेश दिए। जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख ने तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया। जांच में पाया गया कि मृत व्यक्तियों की समग्र आईडी से छेड़छाड़ कर अनुग्रह राशि जारी की गई। सरपंच, उप सरपंच, और सचिव ने अपने पद का दुरुपयोग कर घोटाला किया।
प्रशासनिक कार्रवाई
जिला पंचायत सीईओ ने सरपंच और उप सरपंच को मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 40 के तहत छह साल के लिए पद से हटा दिया। सचिव को गंभीर लापरवाही के लिए बर्खास्त कर दिया गया। यह मामला पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार और सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का गंभीर उदाहरण है। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घोटाले का पर्दाफाश किया और आरोपियों पर कानूनी शिकंजा कसा। हालांकि, फरार सरपंच और सचिव की गिरफ्तारी के बाद ही पूरे मामले की तह तक पहुंचा जा सकेगा।