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गणपति नाका मामला: कोर्ट ने 1 साल की सजा और जुर्माने से दिया सबक
बुरहानपुर। शहर के गणपति नाका थाना क्षेत्र में गौवंश तस्करी के गंभीर मामले में कोर्ट ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को दोषी ठहराया। कोर्ट ने 1-1 साल की कैद और 17-17 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला 60 दिनों के भीतर सुनाया गया, जो न्यायिक प्रणाली की तत्परता का उदाहरण है।
पूरा मामला
23 अक्टूबर 2024 को गणपति नाका थाना प्रभारी को मुखबिर से सूचना मिली कि एक आयसर वाहन (HR 55 AC 4376) में 33 गौवंश अवैध रूप से ले जाए जा रहे हैं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वाहन को जब्त किया और तीन व्यक्तियों जाहिद पिता इब्राहीम (45 वर्ष, मथुरा, उत्तर प्रदेश), सैफ पिता जमील (24 वर्ष, देवास, मध्य प्रदेश) और शेख आबिद पिता शेख आरिफ (30 वर्ष, नागदा, मध्य प्रदेश) को गिरफ्तार किया।
आरोपियों का रिकॉर्ड
जाहिद और सैफ पहले भी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार हो चुके हैं। आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया। मध्य प्रदेश गौवंश वध अधिनियम, पशु क्रूरता अधिनियम, संगठित अपराध की धाराएं शामिल है। 14 दिसंबर 2024 को मामले की जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने चालान पेश किया। तीनों आरोपियों को 1-1 साल का कारावास प्रत्येक आरोपी पर 17,000 रुपये का दंड रोपित किया गया।
प्रमुख भूमिका
प्रधान आरक्षक देवेन्द्र पवार, आरक्षक प्रकाश ने साक्ष्य प्रस्तुत कर त्वरित सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एडीपीओ सुनिल कुरील ने शासन की ओर से पैरवी की।