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Wednesday, April 16, 2025
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प्रेम प्रसंग ने लिया खौफनाक मोड़: पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर रचाई पति की हत्या की साजिश, जानिए कैसे हुआ हत्याकांड!

  • साजिश, धोखा और खौफनाक कत्ल की कहानी, पुलिस ने 72 घंटे में सुलझाया मामला

बुरहानपुर। जिले के इच्छापुर हाईवे पर 13 अप्रैल 2025 को आईटीआई कॉलेज के पास एक युवक का शव मिलने से हड़कंप मच गया। मृतक के शरीर पर गंभीर चोटें और खून से सना हुआ शव देखकर पुलिस ने इसे हत्या का मामला मानकर जांच शुरू की। शुरुआती जांच में अंधे कत्ल का मामला प्रतीत हुआ, लेकिन जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ी, इस हत्या के पीछे के चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ।
एसपी देवेंद्र कुमार पाटीदार के निर्देशन में शिकारपुरा पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्या का पर्दाफाश किया और 72 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हत्या के पीछे प्रेम प्रसंग की एक जटिल साजिश का खुलासा किया, जिसमें मृतक की पत्नी, उसके प्रेमी और उसके साथियों ने मिलकर इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया।
गौरतलब है कि 13 अप्रैल 2025 को शिकारपुरा पुलिस को सूचना मिली कि इच्छापुर हाईवे स्थित आईटीआई कॉलेज के पास एक शव पड़ा हुआ है। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव की पहचान की और मृतक के शरीर पर गंभीर चोटें पाई। शव की पहचान राहुल उर्फ गोल्डन (पिता रामचंद्र पांडेय, निवासी शाहपुर) के रूप में हुई। पुलिस ने मर्ग नंबर 06/2025 के तहत जांच शुरू की और शव का पोस्टमॉर्टम कराया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला कि मृतक की मौत अत्यधिक घातक चोटों के कारण हुई थी, और पुलिस ने इस हत्या को अंजाम देने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी।
प्रेम सम्बन्ध बना हत्या का कारण
इस घटना के बाद पुलिस ने मृतक की पत्नी को आरोपी मानकर पूछताछ की। जांच में पाया गया कि मृतक की पत्नी का प्रेम संबंध युवराज नामक व्यक्ति से था। यह प्रेम संबंध ही हत्या का मुख्य कारण था। पुलिस ने युवराज को हिरासत में लिया, और सख्ती से पूछताछ की। उसने यह स्वीकार किया कि उसने मृतक की पत्नी के साथ मिलकर राहुल की हत्या की योजना बनाई थी।
योजना और क्राइम का तरीका: मृतक की पत्नी और युवराज के बीच के रिश्ते में तनाव था। पत्नी ने युवराज से मिलकर राहुल की हत्या की साजिश रची थी। 12 अप्रैल 2025 की शाम, राहुल की पत्नी ने उसे बुरहानपुर शॉपिंग के बहाने बाहर बुलाया। दोनों ने संजय ढाबे पर खाना खाया, और फिर योजना के मुताबिक वे वापस लौटते समय पुराना आरटीओ बेरियर के पास पहुंचे। वहां पहले से ललित और अपचारी बालक इंतजार कर रहे थे।
राहुल की पत्नी ने जानबूझकर अपनी चप्पल सड़क पर गिरा दी, जिससे राहुल ने गाड़ी रोकी। जैसे ही गाड़ी रुकी, आरोपियों ने हमला करना शुरू कर दिया। ललित और अपचारी बालक ने राहुल को झाड़ियों में खींच लिया, और पहले बीयर की बोतल से उसके सिर पर वार किया। फिर चाकू से शरीर के विभिन्न हिस्सों पर कई वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
आरोपियों की गिरफ्तारी
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम बनाई और लगातार जांच जारी रखी। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर 13 अप्रैल को राहुल की पत्नी, ललित और अपचारी बालक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में राहुल की पत्नी ने पूरी साजिश स्वीकार की और बताया कि युवराज के साथ मिलकर उसने राहुल की हत्या की योजना बनाई थी।
गिरफ्तार आरोपी
1. भारत उर्फ युवराज (20 वर्ष), निवासी ग्राम कोदरी शाहपुर, बुरहानपुर
2. ललित (20 वर्ष), निवासी ग्राम कोदरी शाहपुर, बुरहानपुर
3. राहुल की पत्नी (नाम गोपनीय)
4. अपचारी बालक
पुलिस की सक्रियता
शिकारपुरा थाना पुलिस ने इस जघन्य हत्या की गुत्थी को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। थाना प्रभारी निरीक्षक कमल सिंह पंवार, उनि हेमेन्द्र सिंह चौहान, सउनि मेहफुज अली और साइबर क्राइम यूनिट के कर्मचारियों की मेहनत के कारण यह केस महज 72 घंटे में सुलझा लिया गया। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी की गिरफ्तारी की और मामले की जांच में तेजी दिखाई।
पुलिस अधीक्षक श्री देवेंद्र कुमार पाटीदार के नेतृत्व में बुरहानपुर पुलिस ने इस मामले की सख्त निगरानी की और सुनिश्चित किया कि अपराधियों को कड़ी सजा मिले। साथ ही, पुलिस ने इस मामले की जांच के दौरान यह भी पाया कि घटना के दौरान आरोपी मोबाइल फोन के माध्यम से आपस में संपर्क में थे, जिससे अपराध की साजिश को और अधिक स्पष्ट किया गया।
पुलिस की तत्परता से हुआ खुलासा
इस घटना ने रिश्तों में भरोसे की अहमियत और समाज में बढ़ती हिंसा को एक बार फिर से उजागर किया है। जब व्यक्तिगत संबंधों में कोई गलतफहमी या धोखा होता है, तो उसे अहिंसक और कानूनी तरीके से सुलझाना चाहिए। पुलिस की तत्परता और सक्रियता से यह साबित होता है कि अपराधियों के मनसूबे चाहे जैसे भी हों, अगर पुलिस का समर्पण और प्रयास सही दिशा में हो तो किसी भी अपराध का पर्दाफाश किया जा सकता है।
यह घटना इस बात की भी पुष्टि करती है कि समाज में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सख्त कानून और प्रभावी पुलिस कार्रवाई आवश्यक है। हमें यह समझने की जरूरत है कि किसी भी विवाद को हिंसा से सुलझाने के बजाय बातचीत और कानूनी तरीके से समाधान करना बेहतर होता है।

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