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आरपीएफ आई मुंबई अजय सादानी जांच के लिए पहुंचे बुरहानपुर, मामला 42 टन लोहे की अफरा तफरी का
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अब तक 5 आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी, विभाग कर्मचारियों से भी की पूछताछ
बुरहानपुर। अपराधी कोई भी हो हम उसे बख्शेंगे नहीं। सिस्टम में क्या कमी है इसकी जांच चल रही है। अभी मामला जांच में आरपीएफ ने कुछ माल रिकवर किया है। आरपीएफ ने इस मामले में बेहतर तरीके से काम कर कुल माल भी रिकवर कर लिया है।
यह बात मुंबई रेलवे आईजी अजस सादानी ने कही। वह यहां सीनियर सेक्शन इंजीनियर और ट्रेकमैन की मिलीभगत से बेचे गए रेलवे के 42 टन लोहे की जांच के लिए आए थे। इस दौरान उन्होंने विभागीय अफसर, कर्मचारियों ने करीब दो घंटे तक चर्चा की। सीनियर सेक्शन इंजीनियर कार्यालय के कर्मचारियों से भी जानकारी हासिल की।
गौरतलब है कि रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर बुरहानपुर हरेंद्र कुमार ने ट्रैकमैन भरत कुमार के साथ मिलकर करीब 42 टन लोहा गलत तरीके से नागपुर की एक फर्म एआर ट्रेडर्स को बेच दिया। इसकी शिकायत भुसावल की रेलवे क्राइम ब्रांच को लगने पर टीम ने जांच की तो मामला उजागर हुआ। आरोपी सीनियर सेक्शन इंजीनियर हरेंद्र कुमार और ट्रैकमैन भरत कुमार और 3 खरीददार पर आरपीएफ ने केस दर्ज रेलवे मजिस्ट्रेट कोर्ट खंडवा में पेश कर पांचों को 17 अक्टूबर तक रिमांड पर लिया है। अब इस मामले की जांच के लिए रेलवे मुंबई आईजी अजय सादानी बुरहानपुर पहुंचे। यहां उन्होंने अफसरों से पूरे मामले में जानकारी हासिल की।
भुसावल क्राइम ब्रांच की टीम ने किया था मामला उजागर
7 अक्टूबर को रेलवे का लोहा गलत तरीके से बेचा गया था। करीब 42 टन लोहा वाघोड़ा रावेर के रेल लाइन के पास रखा था जो स्क्रेप की श्रेणी में था। इसकी कीमत करीब 12 लाख रूपए से अधिक बताई जा रही है। सीनियर सेक्शन इंजीनियर और ट्रैकमैन ने इसे ट्रकों के माध्यम से लोड कराकर नागपुर की एक फर्म एआर ट्रेडर्स को बेच दिया। जिसके संचालक अब्दुल रसीद पिता अब्दुल अजीज, शाहनवाज पिता सलीम व राहुल पिता रामनाथ को भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। 10 अक्टूबर को इसकी सूचना भुसावल रेलवे क्राइम ब्रांच को लगने पर क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर एलके सागर के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। 11 अक्टूबर को वेरीफाई हुआ कि रेलवे का लोहा गलत तरीके से बेचा गया है। नियमानुसार इसके लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाती है। आरपीएफ पुलिस नागपुर से लोहा जब्त कर लाई है। आरोपियों की रिमांड अवधि मंगलवार को खत्म होगी। इससे पहले क्राइम ब्रांच और आरपीएफ ने सारे तथ्य जुटाए हैं। बताया जा रहा है कि इसकी जांच लंबी चल सकती है, क्योंकि जिन हाथों में रेलवे की सम्पति की सुरक्षा का जिम्मा है वही अफरा तफरी में शामिल हो गए। ऐसे और लोग तो नहीं शामिल है इसलिए हर पहलू पर गम्भीरता से जांच हो रही है।
बेचने के बाद लोहे की हो गई थी कटिंग
खास बात यह है कि लोहा बेचे जाने के बाद उसकी कटिंग भी कर ली गई थी। जब आरपीएफ लोहा जब्त कर लाई तो रेल की पटरियां कटी हुई थी। बताया जा रहा है कि इस लोहे से करीब 200 से 300 मीटर रेलवे ट्रैक बिछ जाता। जांच में अभी कईं और तथ्य सामने आने बाकी है। मुखबिर की सूचना से यह मामला क्राइम ब्रांच ने उजागर कर दिया, लेकिन ऐसे और भी मामले हो सकते हैं जो पता नहीं चलने से दब भी सकते हैं। अब आरपीएफ इसकी छानबीन में पूरी तरह जुटी है।
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