बुरहानपुर। जिले के नेपानगर और नावरा क्षेत्र का जंगल बीते वर्षों में बाहरी अतिक्रमणकारियों द्वारा काफी तबाह किया गया था। दो साल पहले तक इस क्षेत्र में अतिक्रमण का कारोबार चरम पर था, लेकिन पुलिस, वन विभाग और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से इसे नियंत्रण में लाया गया। अप्रैल 2023 में प्रशासन ने एक बड़ा अभियान चलाकर एक हजार से ज्यादा अतिक्रमणकारियों को खदेड़ दिया था। इसके बाद से अब प्रशासन ने इस क्षेत्र में पुनः अतिक्रमण की रोकथाम के लिए नियमित गश्ती की योजना बनाई है, ताकि भविष्य में इस क्षेत्र में फिर से कोई अतिक्रमण न हो।
गश्ती- 30 वाहनों से 6 घंटे दौड़े अफसर-कर्मी
गुरुवार, 6 फरवरी को प्रशासन द्वारा जंगल में गश्ती का आयोजन किया गया। गश्ती अभियान की शुरुआत नेपा थाने से दोपहर 12 बजे की गई, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए। वन विभाग, राजस्व विभाग, और पुलिस विभाग के अधिकारियों की टीम ने कुल 30 वाहनों का उपयोग किया और ये वाहन जंगल के विभिन्न हिस्सों में गश्ती करते हुए कुल 6 घंटे की दौड़ पूरी की। गश्ती टीम ने नेपा, मांडवा, बाकड़ी, नीमसेठी, हीरापुर, पलासपानी, घाघरला, नावरा, डाभियाखेड़ा, हिवरा और सीवल होते हुए शाम के करीब 6 बजे नेपानगर वापस लौटे।
इस गश्ती में शामिल प्रमुख अधिकारियों में नेपानगर एसडीएम भागीरथ वाखला, एसडीओपी पुलिस निर्भय सिंह अलावा, बुरहानपुर एसडीओ अजय सागर, नेपानगर रेंजर श्रीराम पांडे, नावरा रेंजर पुष्पेंद्र जादौन, असीरगढ़ रेंजर तरूण अनिया, नेपा थाना टीआई ज्ञानू जायसवाल, तहसीलदार, पटवारी, निंबोला थाना और शाहपुर थाना पुलिस के अधिकारी शामिल थे।
अतिक्रमण की स्थिति और प्रशासन के प्रयास
इस क्षेत्र में बाहरी अतिक्रमणकारियों ने बड़े पैमाने पर जंगल की ज़मीन पर कब्जा कर लिया था, जिससे क्षेत्र का वन्य जीवन प्रभावित हो रहा था। अतिक्रमण के कारण जंगल के कई हिस्सों में पेड़-पौधों का विनाश हुआ और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया गया। इसके बाद से अप्रैल 2023 में प्रशासन ने बड़ा अभियान चलाया, जिसमें बाहरी अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा गया और जंगल की जमीन को मुक्त कराया गया। अतिक्रमणकारियों के खिलाफ इस अभियान के बाद, वनकर्मियों द्वारा नियमित गश्ती की जा रही है। एक माह पहले भी नावरा क्षेत्र में गश्ती अभियान चलाया गया था।
बाहरी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई
गश्ती अभियान का उद्देश्य इस बात को सुनिश्चित करना था कि बाहरी अतिक्रमणकारियों का फिर से घुसपैठ न हो। बाकड़ी वन चौकी से हथियारों की चोरी और नेपा थाने में अतिक्रमणकारियों के साथ मारपीट जैसी घटनाओं से इस क्षेत्र की सुरक्षा को खतरा था। इसके अलावा, वनकर्मियों और पुलिस पर हमले की घटनाएं भी घटित हुई थीं। इस कारण प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित गश्ती अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
150 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम
इस गश्ती अभियान के दौरान अधिकारियों ने जंगल के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि कोई भी अतिक्रमणकारियों द्वारा फिर से जंगल की जमीन पर कब्जा न किया जाए। अजय सागर, एसडीओ वन बुरहानपुर, ने कहा कि यह गश्ती अभियान वन संरक्षण के उद्देश्य से चलाया गया है और आगे भी इस तरह के अभियान जारी रहेंगे। अजय सागर ने बताया, “यह गश्ती अभियान वन विभाग, राजस्व और पुलिस द्वारा मिलकर किया गया है। हमारे पास 150 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम थी, जो 30 वाहनों के जरिए गश्ती करती रही। इसमें 2 वज्र वाहन भी शामिल थे। हमें उम्मीद है कि इस गश्ती के जरिए क्षेत्र में अतिक्रमण को पूरी तरह से रोकने में मदद मिलेगी।”
अतिक्रमण को रोकने के प्रयास
बुरहानपुर जिले के नेपानगर और नावरा क्षेत्र में अतिक्रमण को रोकने और वन संरक्षण के लिए प्रशासन के द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है। यह अभियान एक बड़ा कदम है, जो जंगल और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रशासन की यह पहल क्षेत्रीय पर्यावरण और वन्य जीवन को सुरक्षित रखने में मदद करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव सुनिश्चित होगा।