बुरहानपुर। महाराष्ट्र के अमरावती जिले की धारणी थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र बॉर्डर से 50 से अधिक गौवंश को जब्त किया। तस्कर इन गौवंशों को अवैध रूप से महाराष्ट्र के कत्लखानों तक पहुंचाने की फिराक में थे।
दरअसल बुरहानपुर जिले का ग्राम देड़तलाई गौ तस्करी का प्रमुख केंद्र बन चुका है। यहाँ के पशु हाट बाजार की आड़ में हर सप्ताह 300 से 400 गौवंश को अवैध रूप से महाराष्ट्र भेजा जाता है। पूरे रास्ते में अवैध लेन-देन कर तस्कर बिना किसी रोक-टोक के महाराष्ट्र के कत्लखानों तक गौवंश पहुंचाने में सफल होते रहे हैं।
गौ तस्करी के प्रमुख रास्ते
देड़तलाई से महाराष्ट्र जाने के चार प्रमुख रास्ते हैं, जिनका इस्तेमाल गौ तस्करी के लिए किया जाता है। जो बालापाट-बोरबन होते हुए महाराष्ट्र के गोलांडो, पिपरी-सागमली होते हुए राजपुर-सुसराद (महाराष्ट्र), धारबेल्थड-मोन्द्रा के रास्ते महाराष्ट्र की ओर तथा चोखंडा होते हुए सादराबादी (महाराष्ट्र) जाता है। तस्कर इन मार्गों के माध्यम से अकोला, खामगांव, बालापुर, जलना, अकोट और नगर जैसे जिलों में गौवंश को भेजते हैं, जहां उन्हें कत्लखानों में ले जाया जाता है।
खकनार पुलिस पर सवाल
धारणी पुलिस ने 15 से अधिक पुलिस जवानों के साथ ऑपरेशन चलाकर 50 से अधिक गौवंशों को मुक्त कराया। इस कार्रवाई की भाजपा खकनार मंडल अध्यक्ष महेंद्र जोगी ने सराहना की और कहा कि यह तस्करी लंबे समय से चल रही थी। महाराष्ट्र पुलिस ने सराहनीय कार्य किया है, लेकिन मध्यप्रदेश की खकनार पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे तस्करों के हौसले बुलंद हैं।
गौ तस्करी पर कब लगेगी रोक?
महेंद्र जोगी ने कहा यह अवैध कारोबार कई वर्षों से चल रहा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। धारणी पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से उम्मीद जगी है कि अब मध्यप्रदेश पुलिस भी तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।