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नेशनल हाईवे पर खुदाई के दौरान मुगलकालीन सिक्के पाने वाला एक भी व्यक्ति सामने नहीं आया
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रात में चोरी छिपे पहुंचकर खेत में खुदाई कर हरे लोग, पुरातत्व विभाग पूरे मामले से अनजान
बुरहानपुर। असीरगढ़ किले क्षेत्र में मुगलकालीन सोने के सिक्के निकलने की बात महज एक कोरी अफवाह के सिवा कुछ नहीं है, लेकिन इसके बाद भी यहां रात के समय लोग पहुंचकर खुदाई कर रहे हैं। आलम यह है कि काफी जगह लोंगों ने सिक्के ढूंढने की चाह में जगह-जगह गड्ढे कर दिए हैं। जबकि न तो पुलिस और न ही पुरातत्व विभाग को वहां कुछ मिला है। पुरातत्व विभाग अफसर तो पूरे मामले से अनजान हैं। वहीं लोगों की ओर से मांग उठ रही है कि इसकी वास्तविकता की जांच की जाना चाहिए।
पहले के समय में ऐतिहासिक असीरगढ़ किले के आसपास सिक्के मिले थे, लेकिन वर्तमान समय में ऐसा कुछ नहीं है। इसके बाद भी कईं लोग सिक्के की लालच में रातों में टॉर्च की रोशनी में खुदाई करने से नहीं चूक रहे हैं। सोशल मीडिया पर महज एक सिक्का वायरल हो रहा है, लेकिन खास बात यह है कि आज तक वह व्यक्ति ही सामने नहीं आया है जो यह कहे कि मुझे सिक्के मिले हैं, लेकिन अफवाहों का बाजार खासा गर्म है।
नेशनल हाईवे के काम के कारण हो रही खुदाई
दरअसल इंदौर इच्छापुर हाईवे पर असीरगढ़ के पास इन दिनों नेशनल हाईवे के लिए खुदाई का काम चल रहा है। इस दौरान मुगलकालीन सिक्के निकलने की अफवाह चल रही है। बताया जा रहा है कि रात के समय कुछ लोग टॉर्च लेकर सिक्के ढूंढने की कोशिश में जुटे थे और कुछ लोगों ने एक खेत में जगह जगह गड्ढे भी कर दिए थे। दो दिन पहले सिक्के निकलने की सूचना मिलने पर निंबोला थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची थी, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। दरअसल यह पूरी तरह कोरी अफवाह है और पुलिस ने भी इसे कोरी अफवाह बताया है। वहीं जिला पुरातत्व संरक्षण विभाग के संज्ञान में भी यह मामला नहीं है। बुरहानपुर एक ऐतिहासिक शहर है और असीरगढ़ में ऐतिहासिक किला है। इसी क्षेत्र से होकर नेशनल हाईवे गुजर रहा है। इस दौरान एक खेत में सिक्के मिलने की अफवाह शुक्रवार शाम से फैली थी। बताया जा रहा है कि रात के समय में कुछ लोग सिक्के की तलाश में खेत में खुदाई करने भी पहुंचे थे जिसके निशान यहां नजर आ रहे हैं। कुछ जगह गड्ढे कर दिए गए हैं। खास बात यह है कि अब तक कोई एक व्यक्ति भी ऐसा सामने नहीं आया है जिसने यह पुष्टि की हो कि उसे सिक्के मिले हैं। इसलिए यह पूरी तरह अफवाह ही माना जा रहा है। इस अफवाह को लेकर प्रशासन से जांच की मांग की जा रही है। पुरातात्विक लोगों, जनप्रतिनिधियों ने जांच मांग उठाई है। वहीं पुरातत्व संरक्षण विभाग अधिकारी का कहना है कि इसे लेकर हमारे पास कोई जानकारी नहीं है।
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