-
वार्डन ने कहा- मैं किसी से भी परमिशन नहीं लेती हूं, हॉस्टल में हर त्योहार मनाती हूं
बुरहानपुर। जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास डोईफोड़िया में क्रिसमस पर्व मनाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। 25 दिसंबर को वार्डन सुगना टोरिया द्वारा आयोजित इस उत्सव में शांताक्लॉज का किरदार निभाने और छात्राओं के साथ मिलकर पर्व मनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस आयोजन को लेकर प्रशासन, पालकों और हिंदू महासभा की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं। विद्यार्थियों के पालकों से बिना अनुमति लिए ही क्रिसमस पर्व मनाया गया। वहीं डीपीसी रविंद्र महाजन ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है।
दरअसल 25 दिसंबर को कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास डोईफोड़िया में एक वार्डन द्वारा बच्चों के साथ क्रिसमस पर्व सेलिब्रेट किया गया। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हुआ। हिन्दू महासभा ने इसका विरोध करते हुए कार्रवाई की मांग की है। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री दिनेश सुगंधी ने कहा ऐसे आयोजन कर बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता है। जो धर्मांतरण की श्रेणा में आता है। जिससे हमारी धार्मिक भावनाए आहत हो रही है। वहीं पालकों ने भी इस पर आपत्ति जताई है। छात्रावास वार्डन का कहना है कि ऐसी कोई सोच लेकर हमने पर्व नहीं मनाया, बल्कि हम छात्रावास में हर पर्व मनाते हैं।
डीपीसी बोले- ऐसा हुआ है तो कार्रवाई करेंगे
इसे लेकर बुरहानपुर डीपीसी रविंद्र महाजन ने कहा कि स्कूल, छात्रावासों में त्योहार नहीं मनाया जाता। अगर कहीं ऐसा किया गया है तो वह गलत है। इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में अगर वार्डन दोषी पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।
हॉस्टल में मैं हर त्योहार मनाती हूं, परमिशन की जरूरत नहीं
हॉस्टल में मैं हर त्योहर मनाती हूं। किसी से भी परमिशन नहीं लेती हूं। सरकारी ऐसा कोई आदेश हमारे पास नहीं है। धर्मांतरण जैसा कोई मामला नहीं है। हमने तो ऐसा सोचा तक नहीं। फिर भी आइंदा से ध्यान रखेंगे। कुछ बालिकाओं के इस दिन बर्थ डे भी थे। हम हर त्योहार बच्चों की खुशी के लिए मनाते हैं।
-सुगना टोरिया, वार्डन- कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास डोईफोड़िया
अभिभावकों की लिखित अनुमति आवश्यक
– मध्य प्रदेश शासन ने स्कूलों में क्रिसमस पर्व से संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। किसी भी छात्र-छात्रा को क्रिसमस से जुड़े कार्यक्रमों, जैसे सांता क्लॉज या क्रिसमस ट्री की वेशभूषा पहनाने या ऐसे पात्र निभाने के लिए, उनके अभिभावकों से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य है।
– बिना अभिभावकों की लिखित सहमति के, किसी भी छात्र-छात्रा को क्रिसमस संबंधित आयोजनों में शामिल नहीं किया जाना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई
– यदि किसी स्कूल द्वारा इन निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है और बिना अनुमति के छात्रों को ऐसे कार्यक्रमों में शामिल किया जाता है, तो संबंधित स्कूल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।