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सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही पर कलेक्टर की कड़ी कार्रवाई
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कलेक्टर की समीक्षा बैठक में गैरहाजिर थे सीएमओ, अब देना होगा स्पष्टीकरण
बुरहानपुर। जिले के नेपानगर में सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में लापरवाही और सुस्त रवैये को देखते हुए कलेक्टर हर्ष सिंह ने नेपानगर नगर पालिका सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कलेक्टर ने साफ किया कि सरकारी योजनाओं में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जवाबदेही तय की जाएगी।
गौरतलब है कि गत 17 फरवरी 2025 को आयोजित टीएल (टाइम लिमिट) बैठक में पीएम स्वनिधि योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा की गई थी। इस अहम बैठक में नेपानगर नगर पालिका के सीएमओ (मुख्य नगरपालिका अधिकारी) शैलेन्द्र चौहान की गैरमौजूदगी पर सवाल उठे। उनकी जगह भेजे गए प्रतिनिधि को योजनाओं की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं थी, जिससे अधिकारियों में नाराजगी फैल गई। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर हर्ष सिंह ने नगर पालिका सीएमओ श्री चौहान को कारण बताओ नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब देने को कहा।
योजनाओं में लापरवाही पर उठे सवाल
• पीएम स्वनिधि योजना के तहत कुल 76 पात्र हितग्राहियों में से केवल 18 को ही ऋण वितरित किया गया।बाकी के 58 प्रकरण अभी तक लंबित हैं।
• प्रधानमंत्री आवास योजना में 23 आवास अभी प्रारंभिक चरण में हैं। 126 आवास निर्माणाधीन हैं। 149 आवासीय प्रकरण अभी भी लंबित हैं।
• इन आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ कि योजनाओं का क्रियान्वयन बहुत धीमी गति से हो रहा है, जिससे पात्र नागरिकों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कलेक्टर की नाराजगी, दी कड़ी चेतावनी
कलेक्टर हर्ष सिंह ने इस पूरे मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे सरकारी कार्यों में लापरवाही और उदासीनता का उदाहरण बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अधिकारी समय पर जवाब नहीं देते या योजनाओं में तेजी नहीं लाते, तो आगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सीएमओ अवकाश पर, जवाब नहीं मिला
सूत्रों के अनुसार, नेपानगर नगर पालिका सीएमओ शैलेन्द्र चौहान इस समय अवकाश पर हैं। जब उनसे इस मुद्दे पर संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
प्रशासन का सख्त रुख: अब क्या होगा?
• कलेक्टर हर्ष सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी योजनाओं में किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी।
• नेपानगर नगर पालिका परिषद् सीएमओ से अगले दो दिनों में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
• अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता, तो सीएमओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।