बुरहानपुर। मृतक शासकीय सेवकों के आश्रित परिवारों के लिए परिवार पेंशन की बहाली को लेकर आज नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम के प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया ने मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश शासन को एक प्रार्थना पत्र प्रेषित किया। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने मृतक सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए परिवार पेंशन बहाल करने की अपील की है।
इस संबंध में प्रदेश कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष और नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम के प्रांतीय संयोजक ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने 2005 में नेशनल पेंशन स्कीम लागू की थी, जिसके तहत शासकीय सेवकों के लिए पेंशन की नई व्यवस्था की गई थी। इस पेंशन स्कीम के अंतर्गत, मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने 25 मई 2011 को आदेश जारी कर शासकीय कर्मचारियों के लिए पेंशन व्यवस्था को लागू किया था। इसके बाद, भारत सरकार के राजपत्र के अनुसार, 30 मार्च 2021 को मध्य प्रदेश शासन ने 14% पेंशन अनुदान का आदेश जारी किया था।
हालांकि, इस व्यवस्था के बाद भी मध्य प्रदेश शासन ने अब तक मृतक शासकीय सेवकों के आश्रित परिवारों के लिए परिवार पेंशन का कोई आदेश जारी नहीं किया है।
संयुक्त मोर्चा ने उठाई मांग
संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने भी इस मांग को तेज़ किया है। डॉ. अशफाक खान, अनिल बाविस्कर, विजय राठौड़, प्रमिला सगरे, कल्पना पवार, संजय सिंह गहलोत, अरविंद सिंह ठाकुर, राजेश पाटील, राजेश साल्वे, सतीश दामोदर, हेमंत सिंह और हीरालाल प्रजापति ने भी मध्य प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि नेशनल पेंशन स्कीम के तहत मृतक शासकीय सेवकों के परिवार के लिए परिवार पेंशन बहाल करने का आदेश शीघ्र जारी किया जाए।
उनका कहना है कि यह कदम मृतक के परिवारों को आर्थिक रूप से सहारा देगा और उन्हें जीवनयापन में मदद प्रदान करेगा। साथ ही, इससे मृतक के परिवारों को पेंशन के रूप में वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
आश्रित परिवारों को मिलेगी सहायता
नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम और अन्य संगठनों का कहना है कि अगर परिवार पेंशन का आदेश जारी किया जाता है, तो यह मृतक शासकीय सेवकों के आश्रित परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इससे न केवल उनके जीवन को सरल बनाया जा सकेगा, बल्कि उनके बच्चों की शिक्षा, घर चलाने के खर्चे और अन्य आवश्यकताओं में भी मदद मिलेगी।