32 C
Burhānpur
Friday, January 31, 2025
32 C
Burhānpur
Homeमध्यप्रदेशराजनीतिक औजार बना जिला बदर: हाई कोर्ट ने प्रशासनिक दुरुपयोग पर लगाई...
Burhānpur
clear sky
32 ° C
32 °
32 °
19 %
3.8kmh
4 %
Fri
31 °
Sat
31 °
Sun
32 °
Mon
34 °
Tue
34 °
spot_img

राजनीतिक औजार बना जिला बदर: हाई कोर्ट ने प्रशासनिक दुरुपयोग पर लगाई रोक

  • हाई कोर्ट ने लगाया 50,000 का जुर्माना, जिला बदर आदेश खारिज

बुरहानपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता अंतराम अवासे के खिलाफ बुरहानपुर जिला कलेक्टर द्वारा जारी जिला बदर आदेश को अवैध घोषित करते हुए इसे प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग बताया। कोर्ट ने इस आदेश को रद्द करते हुए सरकार पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जिसे जिला कलेक्टर से वसूला जा सकता है।
मामले की पृष्ठभूमि
अंतराम अवासे, जो जागृत आदिवासी दलित संगठन से जुड़े एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता हैं, ने अक्तूबर 2022 से अप्रैल 2023 के बीच बुरहानपुर जिले में हो रही अवैध जंगल कटाई के खिलाफ आवाज उठाई थी।
उन्होंने प्रशासनिक मिलीभगत का खुलासा करते हुए हजारों आदिवासियों को जागरूक किया और आंदोलन का नेतृत्व किया। इस आंदोलन से परेशान होकर प्रशासन ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर 23 जनवरी 2024 को उन्हें जिला बदर करने का आदेश जारी किया।
प्रशासन के आरोप और उनकी सच्चाई
जिला कलेक्टर ने अंतराम पर आदतन अपराधी और क्षेत्र में आतंक फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोग उनके खिलाफ गवाही देने से डरते हैं। कोर्ट में सरकार यह साबित करने में नाकाम रही कि अंतराम लोक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा हैं। प्रशासन ने अंतराम पर 11 वन अपराधों का हवाला दिया। लेकिन न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इन अपराधों के आधार पर राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जिला बदर का कोई प्रावधान नहीं है।
प्रशासन ने अंतराम पर केवल FIR दर्ज होने की बात कही। कोर्ट ने कहा कि बिना दोष सिद्ध हुए किसी को दोषी नहीं माना जा सकता। सरकार ने जिन गवाहों के डर का हवाला दिया, उनके नाम तक पेश नहीं कर सकी।
न्यायालय की टिप्पणियां
हाई कोर्ट ने कहा कि जिला बदर अब “राजनीतिक औजार” बन चुका है। न्यायालय ने प्रशासनिक अधिकारियों को याद दिलाया कि उनका पहला कर्तव्य संविधान के प्रति होना चाहिए, न कि राजनीतिक दबाव के प्रति। कोर्ट ने संभाग आयुक्त और जिला कलेक्टर के आदेशों को “बुद्धि रहित” और “mechanically” पारित बताया।
मुख्य सचिव को निर्देश
कोर्ट ने मुख्य सचिव को सभी जिला कलेक्टरों की बैठक बुलाकर उन्हें स्पष्ट निर्देश देने को कहा कि वे राजनैतिक दबाव में आकर ऐसे अनुचित आदेश पारित न करें। कोर्ट ने सरकार पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जिसे कलेक्टर से वसूला जा सकता है।
जागृत आदिवासी दलित संगठन की प्रतिक्रिया
इस फैसले को संगठन ने ऐतिहासिक जीत बताया। उन्होंने कहा कि यह आदेश सरकार के दमन के खिलाफ आदिवासियों की एक बड़ी जीत है। संगठन ने प्रशासन पर अवैध जंगल कटाई में मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष पर्यावरण और आदिवासी अधिकारों के लिए जारी रहेगा।
कोर्ट का आदेश और असर
सरकार पर लगाया गया 50,000 रुपये का जुर्माना प्रशासनिक अधिकारियों के लिए चेतावनी है कि वे अपने अधिकारों का दुरुपयोग न करें। यह फैसला अधिकारियों को संविधान के प्रति उनकी जिम्मेदारी की याद दिलाता है। यह आदेश सामाजिक कार्यकर्ताओं और आदिवासी समुदायों के लिए एक प्रेरणा है कि वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखें।

spot_img
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img